नरेंद्रनगर ब्लॉक की संस्कृत छात्र प्रतियोगिता
समाज की बेहतरी को संस्कृत और संस्कार जरूरीः संजय शास्त्री
तीर्थ चेतना न्यूज
मुनिकीरेती। संस्कृत अकादमी हरिद्वार के बैनर तले आयोजित नरेंद्रनगर ब्लॉक की संस्कृत छात्र प्रतियोगिता में छात्र/छात्राओं ने उत्साह के साथ प्रतिभाग करते हुए मेधा का प्रदर्शन किया।
मंगलवार को श्री दर्शन महाविद्यालय में आयोजित संस्कृत छात्र प्रतियोगिता का शुभारंभ टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी शिवप्रसाद सेमवाल, श्री दर्शन महाविद्यालय विद्यालय के प्रबंधक संजय शास्त्री, अध्यक्ष वंशीधर पोखरियाल, प्रधानाचार्य डॉ० राधामोहन दास, खण्ड संयोजक जयप्रकाश नौटियाल, सहायक संयोजक आशीष जुयाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करते हुए किया।
इस मौके पर सीईओ सेमवाल ने कहा कि संस्कृत देववाणी है, एवं वेद भाषा है। इसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरन्तर कार्य किए जा रहे हैं। और आज हर्ष का विषय यह है कि हमारा सम्पूर्ण प्रदेश का वातावरण संस्कृतमय हो रहा है, जिसको देखकर हृदय अत्यधिक आनन्दित होता है। संस्कृत अकादमी द्वारा भी संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
संस्कृत की इन प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए सम्पूर्ण शिक्षा जगत संस्कृत अकादमी का आभारी है, क्यों कि ऐसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों में संस्कृत अध्ययन के प्रति रुचि बढ़ती है तथा ऐसे मंचों के माध्यम से छात्र-छात्राओं की प्रतिभाएं निखरती हैं।
श्री दर्शन महाविद्यालय के प्रबंधक संजय शास्त्री ने कहा कि सभी छात्र-छात्रायें हमारे भारत का भविष्य हैं। अतः इनका संस्कृत एवं संस्कारवान होना अति आवश्यक है, जिसके लिए समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों, संगोष्ठियों, प्रतियोगिताओं का आयोजन परम आवश्यक है। इन्ही कार्यक्रमों के माध्यम से हमारा समाज संस्कृतमय एवं संस्कारवान होगा। हम ऐसे कार्यक्रमों की सराहना करते हैं तथा ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए संस्कृत अकादमी सहित सभी सांस्कृतिक संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हैं।
आज इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों से आए हुए सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों का हम विद्यालय परिवार की ओर से हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करते हैं। इन छात्रों के उत्कृष्ट निर्माण हेतु सभी आचार्य गणों एवं शिक्षक/शिक्षिकाओं का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। साथ छात्र-छात्राओं से आशा करते हैं कि वे अपने सभी अध्यापकों के प्रयासों को साकार करते हुए उच्च आदर्शों का निर्माण करेंगे, एवं सम्पूर्ण भारत के वातावरण को संस्कृतमय एवं संस्कारवान बनायेंगे।
श्री दर्शन महाविद्यालय के अध्यक्ष वंशीधर पोखरियाल एवं प्रधानाचार्य डॉ राधामोहन दास जी ने सभी आगंतुक छात्र/छात्राओं, अध्यापकों, दलशिक्षकों, निर्णायकों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आप सभी का विद्यालय परिवार हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता है। तथा छात्रों की प्रतिभा संवर्धन हेतु कार्यक्रम के आयोजन के लिए संस्कृत अकादमी का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
कार्यक्रमों में संस्कृत नाटक, संस्कृत समूहगान, संस्कृत समूहनृत्य, संस्कृत वाद-विवाद, संस्कृत अशुभाषण, संस्कृत श्लोकोच्चारण प्रतियोगिताओं का आयोजन वरिष्ठ एवं कनिष्ठ वर्ग में आयोजित की गई।
कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शत्रुघ्न मंदिर के महंत मनोज प्रपन्नाचार्य, कार्यक्रम के अध्यक्ष जनपद टिहरी के जिला शिक्षा अधिकारी विजयपाल सिंह , विशिष्ट अतिथि स्वामी श्री गुरुचरण मिश्र, आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल, बी आर सी मनमोहन रांगड़, विद्यालय प्रबंधक, अध्यक्ष, प्रधानाचार्य आदि ने संयुक्त रूप में दीप प्रज्ज्वलित करते हुए किया।
महंत मनोजप्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि संस्कृत भाषा अद्वितीय भाषा है, इसको अध्ययन करने वाला प्रतेक छात्र उच्च पदों पर एवं देश विदेशों में विराजमान हैं, जिसके कि उनके पास अनेकों उदाहरण हैं।
आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल जी ने सभी छात्र/ छात्राओं का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि आप सभी के अंदर अद्भुत प्रतिभाएं सन्निहित हैं। जिनका निखार आपको इन मंचों के माध्यम से करना चाहिए।
प्रतियोगिताओं में संस्कृत नाटक प्रतियोगिता कनिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान रा० इ० कॉ० आगर के टीम ने प्राप्त किया। संस्कृत समूहगान कनिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान नवोदय विद्यालय देवलधार, द्वितीय स्थान श्री दर्शनमहाविद्यालय, तृतीय स्थान रा० बा० इं० कॉ॰ नरेन्द्र नगर ने प्राप्त किया, वरिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान श्री दर्शनमहाविद्यालय, द्वितीय स्थान रा॰ इं॰ कॉ॰ नरेन्द्र नगर, तृतीय स्थान रा॰ इं॰ कॉ॰ जाजल की टीम ने प्राप्त किया।