मातृभाषा दिवसः हिचकिचाएं नहीं, गर्व महसूस करें

एसआरटी परिसर बादशाही थौल में मनाया गया मातृभाषा दिवस पर कार्यक्रम
तीर्थ चेतना न्यूज
नई टिहरी। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बादशाही थौल स्थित एसआरटी मातृभाषा दिवस पर वक्ताओं ने कहा कि मातृभाषा को लेकर हिचकिचाएं नहीं , गर्व महसूस करें। लिखने, पढ़ने और बोलचाल में अधिक से अधिक उपयोग करें।
शुक्रवार को परिसर के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर मनमोहन सिंह नेगी के नेतृत्व में मातृभाषा दिवस मनाया गया। इस मौके पर प्रो. नेगी ने मातृभाषा दिवस को लेकर विस्तार से जानकारी दी। बताया कि 1999 से किस उददेश्य को लेकर इसे मनाया जाता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से परिसर के सभी फैकल्टी सदस्यों से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक संख्या में हिंदी को लिखने पढ़ने में प्रयोग करें।
इस अवसर पर शिक्षा संकाय के प्रभारी विभाग अध्यक्ष डॉक्टर नीरज जोशी ने अपने संबोधन में कहा है कि हिंदी जहां हर जन मानस समझता है बोल सकता है लेकिन आज भी इसको लिखने में हिचकिचाया करता है और प्रथम भाषा मानने में कहीं ना कहीं आज भी हिंदी को बैरियर बना हुआ ह,ै जिसको हम सभी लोगों ने तोड़ना है दूर करना है।
इसलिए अपने संकाय के सभी छात्रों से शिक्षकों से और परिसर के अन्य लोग अधिक से अधिक हिंदी भाषा को लेखन कार्य में उपयोग करें । छात्र संघ अध्यक्ष आदित्य राठौड़ी ने परिषद निदेशक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष से निवेदन क्या है कि छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक मात्रा में हिंदी साहित्य , हिंदी की पुस्तक सभी विषयों मेंउपलब्ध करवाया जाए ताकि पढ़ने मैं छात्रों को सुविधा हो सके
बीएड की छात्रा श्वेता, दीक्षा एवं शालिनी तथा छात्र रामकृष्ण , आकाश ,आकांक्षा तथा शोध छात्र धनेश्वर द्विवेदी ने अपने गढ़वाली गीत ,कविता पाठ के माध्यम से मातृभाषा दिवस पर अपने विचार प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर डॉक्टर के सी पेटवाल, डॉक्टर ममता राणा, डॉक्टर विशाल गुलरिया, डॉक्टर नरेंद्र आर्य, डॉक्टर रूप राज, डॉक्टर पूरन लाल मीणा, डॉ मनोज नौटियाल ,डॉक्टर, हिमानी बिष्ट ,डॉक्टर हेमराज डॉक्टर प्रिया राज चौधरी, डॉक्टर मुस्कान कपूर, डॉक्टर सुमनलता, डॉ महेंद्र सिंह ,डॉक्टर आशुतोष ,डॉक्टर सना रूही, कार्यालय अधीक्षक सुदामा लाल, रमेश रतुड़ी, डॉ दिनेश नेगी,छात्र संघ अध्यक्ष आदित्य राठौड़ी, गौतम मैक्लोगा, शिक्षा संकाय , एनसीसी तथा अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे तथा संचालन डॉक्टर हंसराज विष्ट द्वारा किया गया