गवर्नमेंट पीजी कॉलेज कोटद्वार के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में बर्ड फोटोग्राफी वर्कशॉप

तीर्थ चेतना न्यूज
कोटद्वार। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, कोटद्वार के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के बैनर तले बर्ड फोटोग्राफी पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें विषय विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में कॅरियर की संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
गुरूवार को आयोजित वर्कशॉप में प्रकृति प्रेमी एवं बर्ड फोटोग्राफर श्रीमती किरन बिष्ट ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। उन्होंने छात्रों के साथ अपने बर्ड फोटोग्राफी करियर से जुड़े अनुभवों को बताते हुए कहा कि प्रकृति से मानव जीवन का एक अटूट संबंध है। तमाम पशु-पक्षी, वनस्पति, पेड़-पौधे के बिना प्रकृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
यह सब प्रकृति को जीवित रखने के लिए के अपरिहार्य हैं। उन्होंने अपने वन्य जीव फोटोग्राफी से जुड़े रोचक किस्से छात्रों के साथ साझा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में करियर के विभिन्न आयाम भी हैं। वह आज तक अपने कमरे में लगभग 500 पक्षियों को कैद कर चुकी हैं, जिनमें से कुछ तस्वीरें उन्होंने छात्रों के साथ साझा की।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डी. एस. नेगी ने वन्यजीव फोटोग्राफी के सिद्धांतों के महत्व को बताते हुए कहा कि सभी छात्र वन्यजीव फोटोग्राफी में अपने करियर की शुरुआत करके स्वर्णिम भविष्य विकसित कर सकते हैं।
बीजेएमसी विभाग तथा कार्यक्रम की समन्वयक प्रोफेसर प्रीति रानी ने कहा कि प्रकृति हमें बहुत कुछ देती है और उसको संजोकर रखने में पशु-पक्षियों का योगदान भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस तरह के कार्यक्रम हमें पक्षियों के संरक्षण हेतु प्रेरित करते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित डॉ. अजीत सिंह ने गांव में और पुराने समय के घरों में किस तरह से पक्षी अपना बसेरा बना लेते थे और उनका संरक्षण स्वतरू हो जाता था, इसके बारे में छात्रों को बताया।
डॉक्टर अंशिका बंसल ने हमारे आसपास रहने वाले पक्षियों से हमें अवगत कराया और कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राजनीति विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ऐश्वर्या राणा ने भी कार्यक्रम की सराहना करते हुए आगे इसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन और अधिक कराने पर जोर दिया।
बीजेएमसी विभाग के प्राध्यापक चक्रधर कंडवाल ने वन्यजीव फोटोग्राफी से जुड़े प्रमुख विचारों के प्रति छात्रों का ध्यान आकर्षित करते हुए इस क्षेत्र में छात्रों के भीतर रचनात्मक कौशल विकसित करने पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम का संचालन कुमारी तनुजा केष्टवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम को और सफल बनाने में मानसी गौड , कोमल काला, सुहानी बिष्ट , नीरज रावत, नितिन देवरानी , सौरभ खत्री, दीपक बलूनी आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। महाविद्यालय के 52 छात्रों ने इसमें प्रतिभाग करके इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।