उच्च शिक्षा की वरिष्ठता विश्वविद्यालय में हो गई निराकार
प्रो. पीके सिंह और प्रो. कल्पना पंत का मामला
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। उत्तराखंड उच्च शिक्षा के प्राध्यापकों की वरिष्ठता विश्वविद्यालय में निराकार हो जाती है। प्रो. पीके सिंह और प्रो. कल्पना पंत इसके भुगतभोगी हैं।
श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में बड़े उत्साह के साथ प्रोफेसर पद पर ज्वाइन करने वाले गवर्नमेंट डिग्री कॉलेजों के प्रिंसिपल की वरिष्ठता निराकार हो गई। मामला प्रो. पीके सिंह और प्रो. कल्पना पंत का है।
दोनों डिग्री कॉलेज में प्रिंसिपल पद पर तैनात थे। उच्च शिक्षा से सभी प्राध्यापकों का इस लाइन के साथ श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में आमेलन हुआ कि वरिष्ठता गवर्नमेंट कॉलेज वाली ही मिलेगी। ज्वाइन करते ही विश्वविद्यालय ने एक्ट का हवाला दिया।
इस एक्ट के प्रावधानों से गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में आज दिन तक भी डिग्री प्रिंसिपल न बन सकने वाले प्रोफेसर वरिष्ठ हो गए। इससे प्रभावित कई प्रोफेसर वापस गवर्नमेंट कॉलेज लौट गए। प्रो. पीके सिंह और प्रो. कल्पना पंत इस उम्मीद में विश्वविद्यालय में रहे कि उनका वरिष्ठता के मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन गौर करेगा। मगर, अभी तक ऐसा नहीं हुआ।
अब प्रो. पीके सिंह और प्रो. कल्पना पंत के साथ ही सभी प्राध्यापक पीजी कॉलेजों के प्रिंसिपल बन गए। प्रो. सिंह गवर्नमेंट कॉलेज में ही रहते तो विभाग के निदेशक भी बनते। मगर, विश्वविद्यालय में उनकी वरिष्ठता पहले पांच में भी नहीं है।
सवाल उठ रहा है कि आखिर ये कैसे हो सकता है कि गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज का प्राध्यापक विश्वविद्यालय ज्वाइन करते ही अपने उन प्राध्यापकों से जूनियर हो जाए जिनका वो गवर्नमेंट कॉलेज में सीनियर था।
दोनों प्राध्यापकों का कहना है कि वो लगातार अपनी वरिष्ठता के मामले को रख रहे हैं। इस संबंध में कुलपति ने आज भी फोन नहीं उठाया। विश्वविद्यालय का इस मामले में क्या पक्ष है मिलने पर प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।