हाल-ए-हायर एजुकेशनः गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज देहरादून शहर
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। सड़क पर किसी वाहन में क्षमता से अधिक सवारी होती हैं तो पुलिस/ आरटीओ चालान कर देते हैं। किसी महाविद्यालय में उपलब्ध कक्षा कक्षों में चौगुने छात्र/छात्राएं बैठ रहे हों तो क्या होगा ?
जी हां, बात हो रही है राजधानी स्थित गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, देहरादून शहर की। कॉलेज में करीब छह सौ छात्र/छात्राएं पढ़ते हैं। तीन संकाय कला, विज्ञान और वाणिज्य हैं। मोटे-मोटे तौर पर 18-19 कक्षाएं बनती हैं। करीब आधा दर्जन ऐसे विषय हैं जिसमें प्रयोगशाला अनिवार्य है।
कॉलेज के पास सिर्फ सात कक्षा कक्ष हैं। चार महिला पॉलीटेक्निक ने दिए हैं और तीन तकनीकी विश्वविद्यालय ने। इन सात कक्षा कक्षों में जुटाई गई व्यवस्था से छात्र स्नातक हो जाएंगे। इस पर समय-समय पर स्थानीय लोग सवाल उठाते रहे हैं।
राजधानी के कॉलेज के ऐसे हाल देखकर कोई भी हतप्रभ हो सकता है। स्थानीय लोग कॉलेज प्रशासन से शिकायत भी करते रहे हैं। मगर, हो कुछ नहीं रहा है। कई बार आरोप लगते रहे हैं कि कॉलेज प्रशासन संसाधन जुटाने के लिए प्रॉपर प्रयास नहीं कर रहा है।
गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, देहरादून शहर की अच्छी बात ये है कि शासन ने यहां प्रिंसिपल से लेकर सभी विषयों के प्राध्यापकों की तैनाती की है। सभी अपने कार्यों को अच्छे से अंजाम दे रहे हैं। मगर, संसाधनों के अभाव में कॉलेज सही से आकार नहीं ले पा रहा है।
कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. एमपी नगवाल कॉलेज के स्तर से हो रहे प्रयासों को गिनाते हैं। कहा कि कॉलेज के लिए भूमि चिन्हित करने के प्रयास जारी हैं। यूकॉस्ट के पास एक भूमि देखी गई है। मामला शासन स्तर पर है।
उन्होंने माना कक्षा कक्षों की बहुत कमी है। एक नया कक्षा कक्षा प्रयोगशाला के लिए तैयार किया गया है। ताकि लैब की आधारित सुविधाएं छात्र/छात्राओं को मुहैया कराई जाए। उन्होंने कहा कि चार शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। धीरे-धीरे संसाधन जुट भी रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग और शासन के स्तर से लगातार प्रयास हो रहे हैं।