गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज देहरादून शहर में राज्य स्थापना दिवस पर गोष्ठी

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज देहरादून शहर में राज्य स्थापना दिवस पर गोष्ठी
Spread the love

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, देहरादून शहर में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर विचार गोष्ठी और एसएसएस इकाई का एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया।

शनिवार को राज्य स्थावना दिवस के मौके पर कॉलेज की एनएसएस इकाई का एक दिवसीय शिविर आयोजित किया गया। कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. एमपी नगवाल ने शिविर का शुभारंभ किया। इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी में डॉ.राकेश नौटियाल ने स्वयंसेवियों से शैक्षिक स्तर को सुधारने एवं शारीरिक स्वास्थ्य को बनाने के लिए खेल स्पर्धा एवं अन्य शारीरिक गतिविधियों में तत्पर रहने को कहा।

प्रोफेसर राजमणि पटेल ने उत्तराखंड को अलग राज्य के रूप में प्राप्त करने के उद्देश्यों, लक्ष्यों एवं विकास को गति प्रदान करने के बारे में विस्तार से अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रोफेसर एन०डी०तिवारी ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की शौर्य गाथा से स्वयं सेवियों को अवगत कराया, उन्होंने पेशावर कांड के मुख्य नायक के रूप में वीर चंद्रसिंह गढ़वाली के योगदान एवं समर्पण के बारे में विस्तार से बताया।

प्रिंसिपल प्रो. नगवाल ने सभी को राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी। कहा कि हर छात्र/छात्रा में एक हुनर होता है। इस हुनर को निखारने की जरूरत है। सरकार के स्तर से इसके लिए तमाम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसका लाभ उठाया जाना चाहिए।

स्वयं सेवी आदित्य पांडे ने अपनी संस्कृति एवं विरासत को बचाने की प्रतिज्ञा ली तथा साथ ही साथ प्रण किया कि वह विश्व के जिस भी क्षेत्र में जाएंगे उत्तराखंड की पहचान बनेंगे। स्वयंसेवियों में कुश, नवनीत, पर्याप्त उपाध्याय ने भी अपने विचार रखें।

स्वयंसेवियों ने उत्तराखंड की संस्कृति से संबंधित गीतों की मधुर प्रस्तुति दी। अंत में एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मुक्ता डंगवाल द्वारा स्वयंसेवियों को बताया गया कि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की मांग क्यों की गई उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पहले उत्तर प्रदेश का हिस्सा था।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीमांत क्षेत्र विकसित करने पर ध्यान केंद्रित नहीं हो पा रहा था इसलिए तात्कालिक सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया गया और अंत में 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड 27 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।

उन्होंने स्वयं सेवियों को राज्य के सपने को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्पित होने का आह्वान किया। अंत में कार्यक्रम अधिकारी ने प्राचार्य महोदय एवं उपस्थित समस्त प्राध्यापक को धन्यवाद ज्ञापित किया तत्पश्चात स्वयं सेवियों ने महाविद्यालय प्रांगण में स्वच्छता अभियान चलाया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी वर्ग उपस्थित रहे।

Tirth Chetna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *