सरकार! छात्र भटक रहे कक्षा कक्ष को और यूटीयू बेवजह कब्जाए हुए है छह कक्ष

सरकार! छात्र भटक रहे कक्षा कक्ष को और यूटीयू बेवजह कब्जाए हुए है छह कक्ष
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मामला गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज देहरादून शहर का

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। छात्र संख्या के लिहाज से राज्य का सबसे बड़ा गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज और सरकार के सबसे नजदीक स्थित गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज यानि गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, देहरादून शहर केे छात्र/छात्रा कक्षा कक्ष के लिए भटक रहे हैं और उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय है कि छह कक्षा कक्षों का बेवजह कब्जा जमाए हुए है।

बात शुरू होती है गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलीटेक्निक के परिसर से। यहां के कुछ कक्षा कक्षों में कुछ साल उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय का संचालन भी हुआ। अब पास ही विश्वविद्यालय का भव्य भवन बन गया। अब विश्वविद्यालय का संचालन अपने भवन से हो रहा है। मगर, विश्वविद्यालय ने गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलीटेक्निक के परिसर छोड़ने से पहले छह कक्षा कक्ष नहीं लौटाए।

अभी भी उक्त कक्षा कक्षों पर विश्वविद्यालय का ताला लगा है। यानि इन कक्षा कक्षों का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। करीब चार साल पूर्व शासन ने देहरादून शहर के नाम पर गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज खोला तो इसका संचालन भी भवन बनने तक पॉलीटेक्निक परिसर से करने का निर्णय लिया गया। पॉलीटेक्निक ने गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज के संचालन के लिए पहले पांच और फिर दो कक्ष और दिए। इस तरह से कॉलेज पास सात कक्ष कक्ष हैं।

इसमें तीन संकायों के 18 विषय संचालित होते हैं। इसमें करीब आठ विषय प्रयोगात्मक हैं। प्रिंसिपल ऑफिस, प्रशासनिक ऑफिस, स्टॉफ रूम की भी व्यवस्था इसी में है। कॉलेज के प्राध्यापक कैसे व्यवस्था बना रहे होंगे इस पर शोध हो सकता है।

कुल मिलाकर छात्र/छात्रा कक्षा कक्ष के लिए भटक रहे हैं। यदि उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय छह कक्षा कक्षों के ताले खोल दे तो गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज , देहरादून शहर को राहत मिल सकती है। उच्च शिक्षा उन्न्यन समिति के उपाध्यक्ष डा. देवेंद्र भसीन विश्वविद्यालय तक बात पहुंचा चुके हैं। कॉलेज के स्तर से भी अनुरोध हो चुका है। मगर, फिलहाल बात नहीं बन रही है।

शासन के स्तर कॉलेज के लिए भवन हेतु भूमि की खोज चल रही है। भूमि मिलने और भवन बनने तक छात्र/छात्राओं के लिए कम से कम 15/16 कक्षा कक्ष की जरूरत तो है ही। इस मामले में खास बात ये है कि कॉलेज प्राध्यापक स्वयं प्रयास कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों के स्तर से सिर्फ आश्वासन हीं मिल रहे हैं।

अब उम्मीद की जा रही है कि डा. रणजीत सिन्हा कॉलेज के लिए कुछ करेंगे। उच्च शिक्षा/ तकनीकी शिक्षा का जिम्मा उन्हें के पास है। जिन छह कक्षा कक्षों पर ताले लगे हैं तकनीकी शिक्षा के हैं और जिनके ताले हैं वो भी तकनीकी विश्वविद्यालय है। जिसे कक्षा कक्षों की दरकार है वो उच्च शिक्षा विभाग है।

इस मामले में कई प्रयासों के बावजूद तकनीकी विश्वविद्यालय से संपर्क नहीं हो सका। उनका पक्ष मिलने पर प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।

Tirth Chetna

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