गवर्नमेंट डिग्री/पीजी कॉलेज के प्राध्यापकों ने उठाई कई मांगें

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उत्तराखंड राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक महासंघ की बैठक

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। उत्तराखंड राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक महासंघ की वार्षिक बैठक में गवर्नमेंट डिग्री/पीजी कॉलेज के प्राध्यापकों से जुड़ी तमाम समस्याओं पर चर्चा की गई।

शुक्रवार को उत्तराखंड राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक महासंघ की वार्षिक बैठक रेसकोर्स में संपन्न हुई। बैठक में महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ दिवाकर बौद्ध ने बताया कि महासंघ की प्रांतीय बैठक में उच्च शिक्षा के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में प्राध्यापकों के महासंघ को शीघ्र शासन द्वारा मान्यता दिलाने का का संकल्प पारित किया गया। उन्होंने कहा कि शासन को शीघ्र ही प्राध्यापकों की ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन छुट्टियों में कटौती बंद करनी चाहिए।

महासंघ के प्रमुख सलाहकार प्रो. यतीश वशिष्ठ ने कहा कि उच्च शिक्षा के प्राध्यापकों से सिर्फ शिक्षण एवं शोध कार्य ही करवाए जाने चाहिए। उन्होंने मांग की कि प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में बीसीए, बीबीए एवं बीपीएड कोर्स संचालित किए जाएं।

महासंघ के वरिष्ठ सलाहकार प्रो. बीसी शाह ने कहा कि 2010 में विनियमित प्राध्यापकों को शीघ्र ही करियर प्रौन्नति योजना का शीघ्र लाभ दिया जाय तथा नॉन पीएचडी प्राध्यापकों को सेवारत रहते हुए ही प्री पीएचडी कोर्स पूर्ण करने की अनुमति दी जाय।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रांतीय महासचिव डॉ दर्शन सिंह नेगी ने कहा कि प्राध्यापकों के विभिन्न मुद्दों को लेकर महासंघ का एक शिष्टमंडल उच्च शिक्षा मंत्री से भेंट करेगा।

इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों से डॉ डीएन तिवारी, डॉ अनिल कुमार, डॉ आशुतोष मिश्रा, डॉ दिवाकर बेबनी, डॉ मुक्ता डंगवाल, डॉ किशोर चौहान, डॉ बीसीएस नेगी, डॉ पूनम रावत, डॉ ब्रीश कुमार, डॉ नवरत्न सिंह डॉ मनोज बिष्ट, डॉ अशोक कुमार आदि उपस्थित रहे।

Tirth Chetna

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