बेसिक/जूनियर के शिक्षकों के साहब बनने के मौके ऐसे में हुए समाप्त

बेसिक/जूनियर के शिक्षकों के साहब बनने के मौके ऐसे में हुए समाप्त
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तीर्थ चेतना न्यूज

पौड़ी। राज्य के बेसिक/ जूनियर के शिक्षकों के प्रमोशन की हद अब प्रधानाध्यापक बन गई है। विभाग में बेसिक/जूनियर के शिक्षकों के साहब बनने की व्यवस्थाएं पूरी तरह से समाप्त हो गई हैं।

इन दिनों राज्य में राजकीय शिक्षकों के प्रमोशन की चर्चा है। राजकीय शिक्षकांे के प्रमोशन की भी हद तय है। शिक्षक हाई स्कूल के हेडमास्टर और इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल से आगे नहीं बढ़ सकते। इसी प्रकार के हाल राज्य के प्राथमिक/ जूनियर हाई स्कूल के शिक्षकों के भी हैं।

अविभाजित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य बनने के तीन साल तक राज्य के बेसिक/जूनियर के शिक्षकों के पास विभाग में साहब बनने का मौका होता था। एसडीआई पद पर जूनियर हेड का 25 प्रतिशत का कोटा निर्धारित होता था। यानि 25 प्रतिशत एसडीआई बेसिक/जूनियर के शिक्षक बनते थे।

विभाग में अधिकारी/कार्मिकों की संशोधित सरंचना में बेसिक/जूनियर के शिक्षकों के विभाग में साहब बनने के मौके समाप्त कर दिए गए। अब शिक्षक प्रधानाध्यापक पद से ही रिटायर होेंगे और हो रहे हैं। भले ही पदों में संशोधन की बड़ी वजह पे स्केल भी बना। मगर, इसको लेकर अब तमाम दिक्कतें सामने आने लगी हैं।

शिक्षा विभाग के प्रशासनिक कैडर में कक्षा/कक्ष का अनुभव और धरातलीय अनुभव को अभाव साफ-साफ दिखने लगा है। हालांकि इस बात को अभी न तो शासन स्तर पर महसूस किया जा रहा है और न हीं विभागीय स्तर पर है। बेसिक/जूनियर के शिक्षक अधिकार संपन्न एसडीआई पद को याद कर रहे हैं।

तब स्कूल और ब्लाक स्तर पर एसडीआई बुनियादी शिक्षा व्यवस्था को अच्छे से लीड करते थे। इसका सीधा-सीधा लाभ पूरे सिस्टम में दिखता था। कोटे के तहत एसडीआई बनने वाले शिक्षकों के पास धरातलीय अनुभव होता था। उनके एक्शन में स्कूलों की धरातलीय स्थिति दिखती थी।

Tirth Chetna

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