दून विश्वविद्यालय में 21 दिवसीय रंगमंच कार्यशाला शुरू

दून विश्वविद्यालय में 21 दिवसीय रंगमंच कार्यशाला शुरू
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देहरादून। दून विश्वविद्यालय में 21 दिवसीय रंगमंच कार्याशाला शुरू हो गई। इसमें देश प्रसिद्ध रंगकर्मी छात्र/छात्राओं को रंगमंच की बारीकियां सीखाएंगे।

दून विश्वविद्यालय के रंगमंच विभाग भाषा विद्यालय के सहयोग से आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तहत इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्र छात्राओं को रंगमंच की बारीकियां सिखाना जो उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक सिद्ध होगा।

कार्यशाला में नृत्य, संगीत, डिजाइन, मेकप आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को पंचम वेद नाट्यशास्त्र के महत्व के बारे में बताया जाएगा।

उदघाटन के मौके पर दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुरेखा डंगवाल ने कहा कि दून विश्वविद्यालय में रंगमंच विभाग खुलने से हमारी लोक संस्कृति अधिक समृद्धि और संरक्षित होगी।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में श्रीश डोभाल जी ने कहा कि रंगमंच हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमें हमेशा विद्यार्थी की तरह रंगमंच में रहना चाहिए ताकि हम प्रत्येक समय कुछ ना कुछ सीखते रहें।

इस अवसर पर मुख्य प्रसिद्ध रंगकर्मी एसवपी महंगाई जी ने कहा कि रंगमंच ही हमें एक अच्छा सामाजिक व्यक्ति बनाता है क्योंकि वह समाज के लिए बहुत सही कार्य करता है इस अवसर पर मुख्य अतिथि माधुरी बर्तवाल जी ने कहा कि संगीत रंगमंच के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इन दोनों के साथ साथ चलने से रंगमंच और संगीत भी समृद्ध होगा।

इस अवसर पर दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल, रजिस्ट्रार डॉ मंडरावाल, पदम श्री डॉ माधुरी बर्थवाल, प्रोफेसर हर्ष डोभाल, श्रीश डोभाल,  एसपी ममगाईं, डॉ चेतना पोखरियाल, डॉ अजीत पंवार, डॉ राकेश , डॉ मंजुलिका, डॉ अदिति बिष्ट और डॉ गजाला खान उपस्थित थे।

Tirth Chetna

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