120 वीं जयंती पर याद किए गए हिन्दी के प्रथम डी.लिट. डा. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल

120 वीं जयंती पर याद किए गए हिन्दी के प्रथम डी.लिट. डा. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल
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कोटद्वार। हिन्दी के प्रथम डी.लिट. डा. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल को उनकी 12 वीं जयंती पर याद किया गया। हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाने में उनके योगदान से प्रेरणा लेने पर जोर दिया गया।

गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, कोटद्वार में हिंदी के प्रथम डी. लिट् डॉ.पीतांबर दत्त बड़थ्वाल की 120वीं जयंती के सुअवसर पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। कॉलेज परिसर में लगी उनकी प्रतिमा पर प्रिंसिपल प्रो. जानकी पंवार ने पुष्पमाला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

प्रिंसिपल के साथ समस्त शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि देने के उपरान्त प्रिंसिपल प्रो. जानकी पंवार ने छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. पीताम्बर दत्त जी की जीवन-यात्रा पर प्रकाश डाला और छात्रों को उनका साहित्य पढ़ने की प्रेरणा प्रदान की।

उन्होंने बताया कि पीतांबर दत्त बड़थ्वाल जी का जन्म 13 दिसंबर 1901ई. को लैंसडाउन के पाली गांव और मृत्यु 24 जुलाई 1944 ई.को हुई थी। अपने अल्प समय में ही उन्होंने अनेक ग्रंथों की रचना कर दी थी। मुख्य वक्ता डॉ अर्चना रानी ने उन पर लिखी स्वलिखित कविता का वाचन किया। डॉ. सीमा चौधरी, डॉ. महन्त मौर्य डॉ. ऋचा जैन, डॉ. प्रियंका अग्रवाल, डॉ. मानसी, डॉ. सुमन कुकरेती, डॉ. दीक्षित कुमार, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. संत कुमार, डॉ. अंकेश, डॉ. मुकेश रावत, उमेश खुगशाल आदि और महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं इस अवसर पर उपस्थित रहे।

इस मौके पर ’पीतांबर दत्त बड़थ्वाल का हिंदी साहित्य में योगदान’ विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में डॉ. संत कुमार राजनीति विभाग, डॉ. सोमेश ढौंडियाल अंग्रेजी विभाग, डॉ. प्रियम अग्रवाल संस्कृत विभाग ने निर्णायक की भूमिका निभाई।

किरन नेगी बी. ए. तृतीय वर्ष प्रथम स्थान, स्वाति कंडवाल बी. ए. प्रथम वर्ष द्वितीय स्थान,और निकिता बी. ए. प्रथम वर्ष, गुंजन बिष्ट बीएससी. द्वितीय वर्ष ने संयुक्त रूप से प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त किया।

Tirth Chetna

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