उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया डा. निशंक की पुस्तक “मूल्य आधारित शिक्षा “ का विमोचन

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया डा. निशंक की पुस्तक “मूल्य आधारित शिक्षा “ का विमोचन
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तीर्थ चेतना न्यूज

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की पुस्तक “मूल्य आधारित शिक्षा/ का विमोचन किया ।

डॉक्टर निशंक ने बताया क़ि उन्होंने यह किताबयूनेस्को की डी॰जी॰ श्रीमती औड्रेय औज़ले के आग्रह पर लिखी जो चाहती थी क़ि सम्पूर्ण विश्व के बच्चों को मूल्याधारित्त शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जाए । उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूरे देश में लोकप्रिय हो रही है।

उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहते हुए उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन किया है। डॉ निशंक ने राष्ट्रपति को बताया कि नयी शिक्षा नीति विश्व के सबसे बड़े नवाचार युक्त परामर्श का परिणाम है जिसमे ढाई लाख पंचायतों समेत शिक्षा जगत से जुड़े सभी हित धारकों के सुझाव लिए गए।

डॉ निशंक ने बताया कि शिक्षा नीति के निर्माण में मानवीय मूल्यों और परंपरागत भारतीय ज्ञान पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु भरसक प्रयास पर बल दिया।

उराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता प्रकट की कि डॉ निशंक हिमालय के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। डॉ निशंक ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 यशस्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी न्यू इंडिया“ की आधारशिला है जो बदलते समाज और गतिशील दुनिया की चुनौतियों को अवसरों में बदल सके और विश्वगुरु भारत का निर्माण कर सकेंगे।

उन्होंने आगे बताया क़ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी प्रेरणा से सबसे बड़े विमर्श के पश्चात ऐतिहासिक एवम परिवर्तन कारी शिक्षा नीति -2020 का निर्माण हुआ जो सभी भारत वासियों की अपेक्षा पर खरी उतरती है। बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूर्ण रूप से भारत केंद्रित होने के साथ गुणवत्ता परक, नवाचारयुक्त, व्यावहारिक, प्रोदयोगिकीयुक्त, अंतर्रष्ट्रीय, वैज्ञानिक और कौशल युक्त है जी हमारी भावी पीढ़ी को सफल वैश्विक नागरिक बनाने पर ध्यान केंद्रित करती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हमारे युवा ज्ञान प्रौद्योगिकी भारतीय मूल्यों और परम्परागत ज्ञान के बल पर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सफल हो सके कुल मिलाकर जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति छम्च्-2020 बनाई गई वह 130 करोड़ से अधिक लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है।

यह उन मूल्यों, क्षमताओं और व्यवहार को विकसित करने के बारे में है जो एक स्थिर समाज बनाने के लिए शांति, न्याय और समावेशिता के गुण पैदा करते है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सभी के कल्याण के लिए एक विश्व समुदाय को एकजुट करने, प्रेरित करने और सबका समग्र विकास सुनिश्चित लिए प्रतिबद्ध है ।

निश्चित रूप से भारत को शिक्षा के आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित कर यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के विश्व गुरू बनने का मार्ग प्रशस्त करेगी । डॉ निशंक ने कहा कि विभिन्न विषयों पर माननीय उपराष्ट्रपति जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ । इस अवसर पर डॉ निशंक ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ी को देवभूमि उत्तराखंड के पावन धाम श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ जी, गंगोत्री, यमुनोत्री चारों धामों के दर्शन का निमंत्रण भी दिया ।

Tirth Chetna

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