नवोदित साहित्यकारों को प्रेरित करती है डा. निशंक की रचनाएं
परमार्थ में योग महोत्सव की तर्ज पर होगा साहित्य महोत्सव
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक का रचना संसार नवोदित साहित्यकारों को प्रेरित करता है। इन रचनाओं में संघर्ष के बूते हताशा, निराशा और कुहाशा से आगे बढ़ने की प्रेरणा है।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के रचना संसार पर परमार्थ निकेतन में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में करीब चार दर्जन देशों से नामचीन साहित्यकार जुटे हैं। डा. निशंक के रचना संसार का साहित्यकारों ने विश्लेषण प्रस्तुत किया।
दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का सार ये रहा कि चोटी के साहित्यकारों ने माना कि डा. रमेश पोखरियाल निशंक का रचना संसार नवोदित साहित्यकारों को प्रेरित करता है। इन रचनाओं में संघर्ष के बूते हताशा, निराशा और कुहाशा से आगे बढ़ने की प्रेरणा है।
अंतिम दिन मीडिया से बातचीत में डा. निशंक और परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में पहुंचे साहित्यकारों ने तीर्थनगरी ऋषिकेश में साहित्य के बड़े आयोजन पर जोर दिया।
इस पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने परमार्थ में हर वर्ष होने अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। कहा कि जल्द ही इसकी रूपरेखा प्रस्तुत की जाएगी। इसके माध्यम से उत्तराखंड के नवोदित साहित्यकारों को बड़ा मंच मुहैया कराया जाएगा।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से मातृ भाषा को बढ़ावा देने की व्यवस्था की गई है। देश में त्रिभाषा फार्मूला प्रभावी होने लगा है।
जल्द ही हिन्दी देश में अंग्रेजी के प्रभाव को मात देने का काम करेगी। इसकी शुरूआत हो चुकी है। राजनीति से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है। कारण पार्टी हमेशा जनता के बीच रहती है।
ऋषिकेश-हरिद्वार हाई-वे के कई स्थानों पर अत्यधिक क्षतिग्रस्त होने और एनएच द्वारा गौर न किए जाने पर उन्होंने कहा कि वो अधिकारियों को इस बारे में निर्देशित करेंगे।