स्कूली शिक्षा में भी कमाल कर सकेंगे शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत
ऋषिकेश। राज्य के नए स्कूली शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत राज्य की स्कूली शिक्षा में उच्च शिक्षा जैसा कमाल दिखा सकेंगे। शत प्रतिशत गवर्नमेंट हाई स्कूल में हेड मास्टर और गवर्नमेंट इंटर कालेजों में प्रिंसिपलों की तैनाती कर सकेंगे।
राज्य के दर्जा एक से और स्नात्कोत्तर तक की शिक्षा डा. धन सिंह रावत के हवाला है। पिछली सरकार को डा. रावत उच्च शिक्षा के मंत्री थे। उनके उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए एक रिकॉर्ड बना। रिकॉर्ड राज्य के सत प्रतिशत गवर्नमेंट डिग्री/पीजी कॉलेज में प्रिंसिपल की तैनाती हुई।
अब वो स्कूली शिक्षा के मंत्री हैं। स्कूली शिक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक गवर्नमेंट हाई स्कूल गवर्नमेंट इंटर कालेजों हेडमास्टर/प्रिंसिपल नहीं हैं। स्कूलों पर इसका असर साफ-साफ दिखता है। हेड मास्टर और प्रिंसिपल के पदों पर तैनाती के मामले में भाजपा की प्रचंड बहुमत 2017 का कार्यकाल खास नहीं रहा।
चुनावी साल में हेड मास्टरी में जो प्रमोशन हुए उसमें खासा विवाद रहा। अटल उत्कृष्ट स्कूलों में प्रिंसिपल की तैनाती को लेकर भी सवाल उठे। इन सबके बावजूद स्थिति ये है कि 50 प्रतिशत से अधिक स्कूल बगैर मुखिया के चल रहे हैं।
इसका असर सीधी-सीधे शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। प्रिंसिपलों के न होने से स्कूलों में खंड से लेकर जिले तक के अधिकारी विभिन्न तरीकों से हावी रहते हैं। इसका असर अनुशासन पर भी दिखता है। ये बात अलग है कि विभागीय अधिकारी ऐसा नहीं मानते हैं।
हायर एजुकेशन में प्रिंसिपल की तैनाती में रिकार्ड बनाने वाले शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत स्कूली शिक्षा में भी कुछ ऐसा ही कमाल दिख सकेंगे ये देखने वाली बात होगी।