प्रतिस्पर्द्धा के इस दौर में स्वयं को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत की दरकार

प्रतिस्पर्द्धा के इस दौर में स्वयं को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत की दरकार
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दून यूनिवर्सिटी के छात्र/छात्राओं से रूबरू हुए सुपर 30 के आनंद कुमार

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। ये प्रतिस्पर्द्धा का दौर है। घर से लेकर वैश्विक स्तर तक में स्वयं को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। पूरे मनोयोग से लक्ष्य के लिए की गई मेहनत से सफलता तय है।

ये कहना है सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार का। आनंद गुरूवार को दून विश्वविद्यालय के डॉ नित्यानंद सभागार में वि0वि0 के नव प्रवेशित स्नातक एवं परास्नातक विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहां कि वर्तमान समय वैश्विक प्रतिस्पर्धा का है और ऐसे दौर में वही सफलता प्राप्त करेगा जो अपना कार्य पूरे मनोयोग एवं परिश्रम के साथ करेगा।

आनंद कुमार में उनके प्रयासों आधारित फिल्म के प्रसंगों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि उनके पिताजी कहा करते थे कि मेहनत करने वाला ही राज करने का अधिकारी है और शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति की प्रगति का मार्ग खोलती है। क्योंकि यदि पैसों से ज्ञान खरीदा, शिक्षा खरीदी जाती तो दुनियां में सिर्फ पैसे वाले लोग ही शिक्षा ग्रहण करते परंतु ऐसा नहीं है हर कोई शिक्षा प्राप्त कर सकता है जो परिश्रम करेगा, मेहनतकश होगा, लगन और निष्ठा के साथ अपना कार्य करेगा उसको निश्चित रूप से सफलता मिलेगी क्योंकि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है, सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम ही एकमात्र उपाय है।

आनंद कुमार ने उनके संस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपलब्ध परिश्रमी वातावरण और विद्यार्थियों के संकल्प पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हमारे संस्थान में कई ऐसे होनहार विद्यार्थी आते हैं जिनके सामने रोटी तक का संकट रहता है परन्तु उनकी सच्ची लगन और मेहनत उनको कामयाब बनाती है।

अपने विद्यार्थी जीवन साल से अब तक के कई रोचक संस्मरण विद्यार्थियों के साथ साझा करते देखा कि जीवन में चुनौतियां एवं कठिनाइयां हमेशा साथ-साथ चलती है। और कई बार चुनौतियां अचानक खड़ी हो जाती है जिनके लिए हम मानसिक रूप से तैयार भी नहीं होते हैं परंतु हमें उस चुनौती का सामना करना होता है और और सिर्फ सामना ही नहीं करना होता है बल्कि हमें अपने आप को उस चुनौती से बाहर निकाल कर एक सकारात्मक विचार के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास करने होते हैं।

आनंद कुमार ने कहा कि हमें जीवन के प्रति सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए क्योंकि कोई भी कठिन समय बहुत अधिक दिनों तक के लिए नहीं रहता है जीवन में अच्छाइयां भी बहुत अधिक हैं। जिसने हमें अच्छे समय को याद करके कठिन समय में भी सकारात्मक होना आवश्यक है।

कहा कि विद्यार्थी जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें काम करने के प्रति प्रबलता होना अति आवश्यक और परिश्रम और मेहनत कर कभी कोई विकल्प ढूंढो परिश्रम से अपना अटूट नाता जोड़ने की आवश्यकता है जीवन में धैर्य इंसान की कामयाबी के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार है।

उनके संस्थान से ग्रामीण एवं गरीब परिवारों के आये मेधावियों का जिक्र किया जो जीवन की दुश्वारियां हमेशा घीरे रहते थे परंतु उनकी लगन, सर्मपण और मेहनत ने उनको लक्ष्य प्राप्ति के साथ ही नयी पहचान दी और उन्हें जीवन में ऊँचा मुकाम एवं औहदा मिल पाया।
आनंद कुमार ने कहा कि पैसा जीवन के लिए जरूरी है लेकिन पैसों के पीछे हमें भागने की आवश्यकता नहीं है ।

समाज में जनकल्याण एवं मेधाविओं को उनके लक्ष्य प्राप्ति की ओर प्रेरित करने में जो आनंद प्राप्त होता है वह आनंद किसी और उपलब्धि से नहीं हो सकता । एक शिक्षक का विद्यार्थी जब कामयाब होता है तो वह उसकी सबसे बड़ी पूँजी होती है । उन्होंने कहा कि जीवन में उनके सामने कई बार प्रलोभन, धमकियां एवं कठिन से कठिन चुनौतियां खड़ी हुई लेकिन उन्होंने हमेशा धैर्य और साहस एवं सच्चाई के सहारे उनका सामना किया और खुद को टूटने से बचाया।

जीवन में सम्मान और आदर भी बहुत मिला मेरी कोशिश है कि मेहनत गरीब विद्यार्थियों को उनकी मंजिल और लक्ष्य प्राप्ति की राह की ओर प्रेरित कर सकूं और लक्ष्य के साथ चल रहा हूँ।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय न सिर्फ राज्य बल्कि देश का एक उत्कृष्ट संस्थान बने इस दिशा में हमारे शिक्षक और हम संकल्पित हैं और इसलिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा हमारी प्राथमिकता है इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एचसी पुरोहित, प्रोफेसर आर पी ममंगाई, उप कुलसचिव नरेन्द्र लाल, श्री आनंद कुमार के मित्र डाँ कपिल शर्मा सहित सभी शिक्षक उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन डॉ रीना सिंह ने एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉक्टर एम एस मंद्रवाल ने किया।

आनंद को सुनने उमड़े छात्र

– सभागार में सीट भर जाने के बाद जमीन पर बैठकर सुनने को आतुर थे युवा।

– सीढियों पर बैठे रहे, कार्यक्रम शुरू होने से एक घंटे पहले ही फुल हो गया था डाँ नित्यानंद सभागार।
– श्री आनंद कुमार के साथ संवाद करने को लेकर काफी उत्साहित थे विद्यार्थी ।
– कार्यक्रम के बाद सेल्फी के लिए होड़।
– अपने बीच देखकर बहुत खुश थे विद्धार्थी।

Tirth Chetna

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