दून विश्वविद्यालय का शिक्षा और शोध हेतु विदेशी विवि के साथ समझौता
मैक्सिको में भारतीय राजदूत वर्चुअल माध्यम से जुड़े कार्यक्रम से
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। दून विश्वविद्यालय ने शिक्षा और शोध के आदान-प्रदान के लिए लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े और सबसे पुराने विश्वविद्यालय नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ मेक्सिको (यूएनएएम) के साथ शिक्षा व शोध हेतु समझौता किया है।
भारत की समूह-20 की अध्यक्षता में यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के तहत दून विश्वविद्यालय भी एक संस्थान है, इस कड़ी में विश्वविद्यालय ने लैटिन अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ केमिस्ट्री, नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ मैक्सिको (यूएनएएम) के साथ समझौता ज्ञापन पर 27 मार्च 2023 देर शाम हस्ताक्षर किए गए ।
इस समझौता कार्यक्रम में नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैक्सिको के अधिकारी एवं मेक्सिको में भारत के राजदूत आभासी माध्यम से उपस्थित रहे । यह समझौता दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य सहयोगी अनुसंधान, संयुक्त सम्मेलनों/संगोष्ठियों, शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान कार्यक्रमों और अन्य संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियों का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह समझौता ज्ञापन कई प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिनमें एयरोस्पेस, पेट्रोकेमिकल्स, ऊर्जा पारंपरिक और गैर-पारंपरिक, और ऊर्जा उपकरण और इंजीनियरिंग, पारिस्थितिकी, पर्यावरण पृथ्वी और महासागर विज्ञान, और जल, खनन, खनिज, धातु और सामग्री, रसायन (चमड़े सहित), और शामिल हैं।
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि वह दून विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूट ऑफ केमिस्ट्री, नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ मैक्सिको (यूएनएएम) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके बहुत खुश हैं। और हाल ही में भारत और मैक्सिको सरकार के बीच रिसर्च कंसोर्सियम बनाने को लेकर भी समझौता हुआ है। यह दोनों देशों में संचालित शोध गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में सहायक होगा।
कुलपति ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से वैज्ञानिक परिषद एवं दूसरी मैक्सिकन एजेंसियां प्रौद्योगिकी के विकास, व्यावसायीकरण के लिए एक-दूसरे की बौद्धिक संपदा को बढ़ाने और अनुसंधान बुनियादी ढांचे के साझाकरण और विकास में प्रभावी रूप से योगदान कर सकती हैं।
मेक्सिको में भारत के राजदूत पंकज शर्मा ने आशा व्यक्त करते हुए कहा की अध्ययन व रिसर्च में सहयोग से दोनों और की अकादमिक जगत को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा व शोध का आदान-प्रदान सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों को समझने व जानने का बेहतर विकल्प है इससे दोनों देश सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से और बेहतर ढंग से जुड़ पाएंगे । यह समझौता समूचे लैटिन अमेरिका देशों के लिए शोध व शिक्षा के नए आयाम खोलने में सहायक होगा।
इस अवसर पर डॉ. विलियम हेनरी ली अलार्डिन, वैज्ञानिक अनुसंधान समन्वयक, यूएनएएम, डॉ. लुइस डेमेट्रिओ मिरांडा प्रोफ गुतिरेज़, निदेशक, रसायन विज्ञान संस्थान, यूएनएएम, डॉ. पंकज शर्मा, प्रोफेसर, रसायन विज्ञान संस्थान, सुश्री वल्लारी गायकवाड़, राजनीतिक द्वितीय सचिव, भारत का दूतावास मेक्सिको, प्रसाद शिंदे, तृतीय सचिव, प्रेस सूचना और संस्कृति भारत दूतावास, मेक्सिको,डॉ. ब्राउलियो विक्टर रोड्रिग्ज मोलिना, अकादमिक सचिव, यूएनएएम, एम. एन सी. मार्सेला कैस्टिलो फिगा, उद्योग मामलों के सचिव, यूएनएएम, एम. एन सी. गिलर्माे रौरा पेरेज़, अकादमिक तकनीशियन, यूएनएएम, डॉ एमएस मंदरवाल, कुल्सचिव, दून वि वि, प्रो एच सी पुरोहित, प्रो आर पी ममगई, प्रो कुसुम अरुणाचलम, डॉ अरुण कुमार, डॉ हिमानी शर्मा, डॉ प्रीती मिश्रा, डाक्टर राजेश भट्ट, उप कुलसचिव नरेंद्र लाल, डाक्टर विकास शर्मा, डाक्टर माला शिखा, स्वागता बासु आदि शिक्षक एवं अधिकारी उपस्थित थे।