जर्जर हुआ देवप्रयाग का बाह बाजार झूला पुल, हादसे की आशंका

दो जिला पौड़ी और टिहरी को जोड़ता है पुल
तीर्थ चेतना न्यूज
देवप्रयाग। सतयुग के तीर्थ देवप्रयाग में अलकंनदा पर बना बाह बाजार झूला पुल जर्जर हो गया। इसे आवागमन के लिए खतरनाक बताकर लोक निर्माण विभाग भूल गया कि इसका पुनर्निमाण भी करना है।
दो जिलों पौड़ी और टिहरी को जोड़ने वाले उक्त झूला पुल को बने सौ से साल से अधिक हो गए हैं। अब मरम्मत और नट-बोल्टों की रेपेयरिंग से इसकी सेहत में सुधार संभव नहीं दिख रहा है। पुर्ननिर्माण ही इसका विकल्प रह गया है। किसी हादसे के बाद जिम्मेदार तय न हो इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने इसे आवाजाही के लिए खतरनाक होने का बोर्ड लगा दिया है।
देवप्रयाग के लिए इस पूल के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि अधिकांश शिक्षण संस्थाओं के छात्र/छात्राएं इसी का उपयोग करते हैं। पौड़ी- टिहरी जिले के एक बड़े आबादी क्षेत्र को जोड़ने में इस पुल का महत्वपूर्ण भमिका है। पुल के जर्जर होने से यहां हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है।
नगर पालिका प्रशासन तीन मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों तक पिछले पांच साल में कई बार ज्ञापन/पत्र और मौखिक अनुरोध कर चुका है। नाप जोख से लेकर नया पुल स्वीकृत हो गया का भी कई बार हो हल्ला हो चुका है। बधाई लेने-देने का काम भी हो चुका है। मगर, नए पुल की अभी कोई सूरत दूर-दूर तक नहीं दिख रही है।
सबका साथ और सबके विकास के नारे में देवप्रयाग कहां से फिट नहीं बैठ पा रहा है लोग समझ नहीं पा रहे हैं। बहरहाल, नगर पालिका के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल ने एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए पत्र लिखा है।
पत्र में उन्होंने बाहबाजार झूल पुल की जर्जर स्थिति का जिक्र करते हुए जल्द से जल्द मौके पर नए पुल बनाने का अनुरोध किया है। पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि लगातार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी गौर करने को तैयार नहीं हैं।