देहरादून। लापरवाही से कोरोना का जोखिम बढ़ रहा है। लापरवाही घर से लेकर बाजार, दफ्तर और छोटे-बड़े आयोजनों में दिख रहे हैं। ये चिंता की बात है और लोगों को इस पर गौर करना चाहिए।
वैश्विक महामारी कोरोना से बचने की अभी तक भारत में कोई वैक्सिन या दवा नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और हाथों को बार-बार साबुन से धोकर ही इसके खतरे को कम किया जा सकता है। ये उपाय बड़े कारगर साबित हो रहे हैं। मगर, हाल के दिनों में इन उपयों के प्रति लोगों में खासी लापरवाही दिख रही है।
लापरवाही का ये क्रम दशहरे से शुरू हुआ और दीपावली में परवान चढ़ा। अब शादी-विवाह में तो लोग ये मानकर चल रहे हैं कि कोरोना जैसा कुछ है ही नहीं। ये लापरवाही भारी पड़ रही है या पड़ने वाली है। लापरवाही घर से शुरू होने लगी है। बाजार, दफ्तर और छोटे-बड़े आयोजनों में हद स्तर पर लापरवाही दिख रही है।
उत्तराखंड राज्य में लगातार बढ़ते मामले, मौतों में हो रही बढ़ोत्तरी इस बात का प्रमाण है। देहरादून जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सावधानी से नजर हटाना किसी के लिए भी ठीक नहीं रहेगा।