विभिन्न मांगों पर सरकार के स्तर से की गई ठोस कार्रवाई पर एसोसिएशन ने सरकार का आभार प्रकट किया।
उत्तराखंड प्रोक्योरमेंट एक्ट में प्रदेश के अधिकांश छोटे और मंझोले ठेकेदारों के हितों पर हुए कुठाराघात के खिलाफ देवभूमि राजकीय ठेकेदार एसोसिएशन आंदोलनरत रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ज्योति सजवाण और अन्य पदाधिकारियों ने शुक्रवार को ़ऋषिकेश प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत की।
सजवाण ने कहा कि इस बार लंबित भुगतान को लेकर प्रदेश के ठेकेदार सड़क पर उतरे तो अन्य मांगें भी सामने आ गई। सभी मांगों पर सरकार का रूख सकारात्मक रहा। अवशेष भुगतान के लिए लोनिवि को सौ करोड़ का भुगतान 10 दिनों में किया जाएगा।
इस धनराशि से ठेकेदारों का भुगतान समान अनुपात में किया जाएगा। छोटे अवशेषों को वरियता दी जाएगी। आपदा के कार्यां का 25 करोड़ विभागों को भुगतान किया जाएगा। इसके लिए एसोसिएशन सरकार का आभार प्रकट करती है।
उन्होंने बताया कि एसोसिएशन के प्रयासों से रजिस्ट्रेशन, हैशियत, डीपीआर की स्वीकृति के बाद टेंडर की पुरानी व्यवस्था आदि पर सरकार ने राज्य के ठेकेदारों के पक्ष में एक्शन लिया है। ई टेंडरिंग की व्यवहारिक दिक्कतों को शासन के सम्मुख रखा गया है।
एक सवाल के जवाब में राजकीय ठेकेदारों ने कहा कि कार्य की गुणवत्ता कमत्तर होने के लिए उन्हें कतई जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। वो विभाग की गाइड लाइन और देखरेख में ही काम करवाते हैं। कहा कि भुगतान समय से न होने से ठेकेदारों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस मौके पर वीर चंद रमोला, दिनेश व्यास, विजय शर्मा, संजय पोखरियाल, नीरज कपूर आदि मौजूद थे।