चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस नेता आपस में खो रहे आपा
ऋषिकेश। राज्य विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार मिली करारी हार की समीक्षा के बजाए कांग्रेस के दिग्गज नेता आपस में आपा खोकर पार्टी की जग हंसाई करा रहे हैं। नेताओं की इन हरकतों से आम कार्यकर्ता हैरान परेशान है। हर कोई कह रहा है कि कब आएगी सदबुद्धि।
उम्मीद और अच्छी संभावनाओं के बावजूद कांग्रेस सत्ता में नहीं आ सकी। पार्टी के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख हरीश रावत चुनाव हार गए। हार के बाद बयान शुरू हुए तो पार्टी के दिग्गज नेता आपस में ही उलझने लगे।
अब तो स्थिति ये है कि पार्टी के वरिष्ठ और जिम्मेदार पदों पर बैठे नेता आपा खोने लगे हैं। एक दूसरे की टिप्पणियों पर सफाई पेश करते-करेत आरोप मढ़ने लगे हैं। आरोप ऐसे कि आने वाले समय में ये पार्टी के खिलाफ ही मुददे बनेंगे।
पैंसे लेकर टिकट बांटने तक के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। एक नेता द्वारा प्रस्तुत की जा रही सफाई पर दूसरा नेता रायता फैला दे रहा है। मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मामले को हार की वजह बताकर टारगेट फिक्स करने के प्रयास हो रहे हैं।
कांग्रेस के आपसी विवाद से भाजपा राहत महसूस कर रही है। भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रहा विलंब मुददा नहीं बन पा रहा है। 2017 में चुनाव परिणाम के बाद भी कुछ-कुछ ऐसा ही हुआ था। कहा जा सकता है कि कांग्रेस कब सुधरेगी।