गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज चिन्यालीसौड़ में एनएपीएस पर कार्यशाला

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज चिन्यालीसौड़ में एनएपीएस पर कार्यशाला
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मौजूदा दौर में कौशल विकास जरूरी

तीर्थ चेतना न्यूज

चिन्यालीसौड़। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, चिन्यालीसौड़ में प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एन०ए०पी०एस०) पर आयोजित कार्यशाला में तकनीकी विशेषज्ञों ने मौजूदा दौर में कौशल विकास को जरूरी बताया।

गुरूवार को कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल डॉ विक्रम सिंह पवार ने एनएपीएस कार्यशाला का शुभारंभ किया। संयोजक डॉ विनीत कुमार ने कार्यशाला के उददेश्य पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय औद्योगिक संस्थान चिन्यालीसौड़ से अनुदेशक विनोद कुमार व प्यार सिंह बिष्ट उपस्थित रहे।

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कार्यशाला के संयोजक डॉ विनीत कुमार  ने बताया कि भारत की शिक्षित युवाओं की लगभग 50.3 प्रतिशत आबादी कौशल विहीन है।

सतत विकास लक्ष्यों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत के युवाओं की लगभग आधी आबादी मोबाइल का इस्तेमाल शैक्षिक कार्यों एवं रोजगार के लिए नही कर पाती।भारत सरकार द्वारा 2016 में इस योजना का शुभारंभ हुआ। लगभग 700 कोर्स की व्यवस्था छात्रों के लिए की गई है ताकि वह किसी ना किसी कौशल को प्राप्त करें।

इसी क्रम में राजकीय औद्योगिक संस्थान चिन्यालीसौड़ से मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित अनुदेशक विनोद कुमार विस्तार से बताया कि भारत सरकार द्वारा कौशल विकास योजना युवाओं के लिए शुरू की गई है ताकि युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहे और वह किसी ना किसी कौशल को प्राप्त करें।

अनुदेशकों ने इस बात को खास तौर पर रेखांकित किया कि आज के युवा विशेष कार्यों में रुचि नहीं रखते हैं इसीलिए सरकार द्वारा प्रशिक्षुओं को 25 प्रतिशत छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति भी कराई जाती है।

वर्तमान में 1343 अधिष्ठानो को स्वीकृति दी गई है कि वह अपने संस्थान से युवाओं को अपरेंटिस कराएंगे और रोजगार के अवसर युवाओं को प्रदान किए जाएंगे। सरकार द्वारा सेना में अग्निवीर भर्ती के लिए भी आईटीआई द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को बोनस अंक दिए जाते हैं। यदि कोई युवा किसी संस्थान से अप्रेंटिस या कोर्स करता है तो उसको 5000 से₹9000 प्रतिमाह भारत सरकार द्वारा स्कॉलरशिप भी प्रदान की जाती है।

इसी क्रम में आईटीआई चिन्यालीसौड़ से मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित अनुदेशक प्यार सिंह बिष्ट जी ने भी बताया कि भारत सरकार का उद्देश्य युवाओं को कुशल कारीगर बनाना है क्योंकि आज का समय तकनीकी शिक्षा का है।

अंत में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ विक्रम सिंह पवार जी ने ने बताया कि इस योजना के तहत सभी छात्र लाभान्वित हो सकते हैं साथ ही साथ अपने सगे संबंधियों भाइयों को भी इसयोजना की जानकारी दे सकते हैं जिससे वह भी किसी ना किसी कौशल में निपुण बन जाएं।

कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ प्रमोद कुमार, डॉ रजनी रसियाल, डॉ दिनेश चंद्र, डॉ खुशपाल, डॉ आलोक बिजलवान, डॉ मोनिका असवाल, डॉ दीपक धर्म शक्तु, डॉ राम चंद्र नौटियाल, डॉ कुलदीप एवं अंबीर चौहान, हिमानी रमोला आदि उपस्थित रहे।

Tirth Chetna

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