भागमभाग की यात्रा बनीं चारधाम यात्रा

सेवा क्षेत्र को नहीं हो रहा आशातीत लाभ
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। चारधाम यात्रा भागमभाग की यात्रा बनकर रह गई है। यात्री परेशान हो रहे हैं और इससे सेवा क्षेत्र को अपेक्षित लाभ नहीं हो रहा है। सरकार, तीर्थ पुरोहित/हक हकूकधारी और धार्मिक संगठनों को इस पर गौर करना चाहिए।
चारधाम यात्रा के लिए उमड़ा यात्रियों के रेले को संभालना मुश्किल हो रहा है। भीड़ ने चारधाम यात्रा को भागमभाग वाली यात्रा बना दिया है। ऐसा लग रहा है कि हर कोई मई/जून में ही चारधाम यात्रा करना चाह रहा है।
इसका असर व्यवस्थाओं पर दिख रहा है। सड़कों से लेकर भगवान के द्वार तक लग रही लाइन से यात्रियों का यात्रा शिडयूल प्रभावित हो रहा है। कोई फ्लाइट मिस होने तो कोई ट्रेन के लिए चिंतित है। परिणाम भागमभागी हो रही है।
परेशान यात्री न तो देवभूमि के दिलकश प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठा पा रहा है और न ही धामो में सही से दर्शन ही कर पा रहा है। धामों के महत्म के मुताबिक होने वाली पूजा अर्चनाएं भी भागमभाग की भेंट चढ़ रही हैं। यह क्रम लगातार जारी रहा तो राज्य का तीर्थाटन प्रभावित होने की आशंका है। ऐसा दिखने भी लगा है।
भागमभाग की यात्रा बनी चारधाम यात्रा से सेवा क्षेत्र को अपेक्षित लाभ नहीं हो रहा है। राज्य के बड़े क्षेत्र की लाइफ लाइन कही जाने वाली चारधाम यात्रा का ये नया स्वरूप है। इसको नियंत्रित करने की जरूरत है। जोशीमठ में गेट सिस्टम जैसी व्यवस्थाओं को प्रमोट करने की जरूरत है। ताकि यात्रा नियंत्रित हो सकें और यात्रा पड़ावों के सेवा क्षेत्रों का लाभ मिल सकें।
चारधाम यात्रा को लेकर सरकार, तीर्थ पुरोहित/ हक हकूकधारी और धार्मिक संगठनों को गौर करना चाहिए। खुले मन से नई व्यवस्था बनाने को लेकर मनन होना चाहिए।