प्रदेश के नए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के लिए अतिथि शिक्षकों का मामला चुनौती नंबर एक होगा।
प्रदेश में करीब छह हजार अतिथि शिक्षक राजकीय हाई स्कूल और इंटर कालेजों में काम कर रहे हैं। हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों के तहत उक्त शिक्षक 31 मार्च तक ही काम कर सकेंगे। उक्त शिक्षकों के समायोजन के लिए हरीश रावत सरकार ने अस्थायी शिक्षक भर्ती नियमावली बनाई है।
इस नियमावाली पर विवाद है और मामला हाईकोर्ट में है। ऐसे में 31 मार्च के बाद अतिथि शिक्षक नई सरकार और नए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के द्वार पर होंगे। उक्त शिक्षकों सेवा में बनाए रखने और समायोजन की मांग होगी।
हालांकि चुनाव के दौरान भाजपा अतिथि शिक्षकों को सकारात्मक भरोसा दे चुकी है। संभवतः तब भाजपा को प्रचंड बहुमत की उम्मीद नहीं थी। अब प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार का इस मुददे पर क्या रूख होता है ये देखने वाली बात होगी।
ये भी देखना होगा की प्रदेश के नए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे इस समस्या को कैसे हैंडिल करते हैं। विभागीय अधिकारियों के पास इसके समाधान के रूप में पिछले सरकार की अस्थायी शिक्षक भर्ती नियमावली है।