सरकारी शिक्षक/कर्मचारियों ने मनाया काला दिवस

पुरानी पेंशन बहाली के लिए उठाई आवाज
तीर्थ चेतना न्यूज
गोपेश्वर/पौड़ी। राज्य भर के शिक्षक/कर्मचारियों ने नई पेंशन प्रणाली के विरोध में बांह पर काली पटटी बांधकर काला दिवस मनाया। इस मौके पर शिक्षक/कर्मियों ने एकजुट होकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के आह्वान पर आज जनपद चमोली के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने नई पेंशन प्रणाली के विरोध में काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया।
मोर्चा के जिलाध्यक्ष पूरण फर्स्वाण ने बताया कि उत्तराखंड में एक अक्टूबर 2005 को पुरानी पेंशन प्रणाली को हटाकर नई पेंशन प्रणाली लागू की गई थी। जो कि कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात था।
मोर्चा के जिला महासचिव सतीश कुमार ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों का हक है और इसे लेकर रहेंगे। मोर्चा के जिला संरक्षक प्रो. डीएस नेगी ने कहा कि देश में 80 लाख से अधिक कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली से वंचित है उन्होंने कहा कि अगर पुरानी पेंशन इतनी बेहतरीन है तो यह प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सांसद एवं विधायकों पर भी लागू होनी चाहिए।
जनपद के राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर, गैरसैण, तलवाड़ी तथा इंटर कॉलेज घंडियाल, सावरीसैण,मोख, उमासैण, सलूड डूंगरा, हामनी आईटीआई गोपेश्वर, मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय गोपेश्वर इंटर कॉलेज के अधिकारी कर्मचारियों ने प्रमुख तौर पर काली पट्टी बांधकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की और नई पेंशन का विरोध किया।
इस अवसर पर डॉ वृजमोहन रावत, डॉ सुबोध कंडारी, डॉ रामचंद्र नेगी, डॉ कुलदीप नेगी, डॉ ललित जोशी, डॉ ममता असवाल, डॉ प्रियंका कुनियाल, राजकिशोर नेगी, आदि उपस्थित थे।
पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून, रूद्रप्रयाग, नैनीताल, यूएसनगर, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी शिक्षक/कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। आज के दिन पर ही 2005 से पेंशन समाप्त की गई थी। लिहाजा कर्मचारियों ने इसे काला दिवस के रूप में मनाया।