भाजपा नेताओं के बयान चिढ़ा रहे जनता का मुंह
विधानसभा में नौकरियों की बंदरबांट का मामला
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। विधानसभा में हुई नौकरियों की बंदरबांट को लेकर भाजपा के जिम्मेदार नेताओं के बयान राज्य की जनता का मुंह चिढ़ा रहे हैं। इससे लोगों में खासी नाराजगी देखी जा रही है।
गांव से लेकर दिल्ली तक की व्यवस्था को एक दल को सौंपने के साइड इफेक्ट उत्तराखंड में कुछ ज्यादा ही दिखने लगे हैं। रही सही कसर भाजपा के जिम्मेदार नेताओं के बयान और बॉडी लैंग्वेज से पूरी हो रही है। ताजा मामला उत्तराखंड विधानसभा में हुई नौकरियां की बंदरबांट का है।
नौकरियों में क्या-क्या खेल चला जनता को सब पता है। बावजूद इसके भाजपा के कुछ जिम्मेदार नेता इसे नियमानुसार बताकर जनता का मुंह चिढ़ाने का काम कर रहे हैं। यही नहीं पार्टी के कुछ गैरजिम्मेदार कार्यकर्ता सार्वजनिक तौर पर ऑल इज वेल गुनगना रहे हैं। कुछ नहीं होगा की बात कही जा रही है। एक खास संगठन के आशीर्वाद की बात को बार-बार प्रचारित किया जा रहा है।
बड़े-बड़े नेताओं के नामों का खास तौर पर उल्लेख किया जा रहा है। ऐसे में इस मामले में बिठाई गई जांच को लोग दबाने के उपक्रम के रूप में देख रहे हैं। राज्य के लोगों को 22 साल से ऐसी जांचों का खासा अनुभव भी हो चला है। नौकरी से लेकर भ्रष्टाखर की तमाम जांचों का हश्र लोगों ने खूब देखा है।
जनता के मन में ये बात घर कर गई है कि जांच मामले को दबाने के लिए ही कराई जाती है। विधानसभा में नौकरियों की हो रही जांच को लेकर भी लोगों में यही भाव है। हां, भाजपा के जिम्मेदार नेताओं के बयानों से लोगों में जरूर नाराजगी है।
हां, भाजपा के कुछ नेताओं ने जरूर उक्त नियुक्तियों पर सवाल उठाकर जनता के पक्ष में खड़े दिखने का प्रयास कर रहे हैं।