पूर्व सीएम भगत दा के रिटायरमेंट का उत्तराखंड में दिखेगा असर

तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। महाराष्ट्र के राज्यपाल एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की प्रस्तावित स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का राज्य में भाजपा की आंतरिक राजनीति पर असर दिखेगा।
उत्तराखंड के पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी राजनीति से रिटायरमेंट लेना चाहते हैं। इसके लिए जो वजह कोश्यारी बता रहे हैं वो राजनीति के जानकारों के गले नहीं उतर रहे हैं। दरअसल, कोश्यारी लिखने-पढ़ने के लिए राजनीति से सेवानिवृत्त होना चाहते हैं।
सब जानते हैं कि लिखने-पढ़ने के लिए राजभवन से अधिक आरामदायक स्थान कोई नहीं है। कई राज्यपाल राजभवन में रहते हुए ही लेखन का काम कर रहे हैं। गत वर्ष एक राज्यपाल की लिखी पुस्तक की बिक्री को लेकर काफी चर्चा भी हुई थी। ऐसे में लिखने पढ़ने के लिए रिटायरमेंट को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
बहरहाल, यदि केंद्र सरकार उन्हें राज्यपाल के पद से मुक्त करती है तो इसका सीधा-सीधा असर उत्तराखंड में भाजपा की आंतरिक राजनीति पर देखने को मिलेगा। ये असर किस रूप में होगा ये देखने वाली बात होगी। इसको लेकर तमाम प्रकार की बातें भी होने लगी हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड की सक्रिय राजनीति से करीब पांच साल से अलग हैं। बावजूद इसके उत्तराखंड में भाजपा की राजनीति में उनका असर 20 साल पूर्व वाला है। तमाम स्तर पर उनकी अमिट छाप देखी और महसूस की जा सकती है।
उत्तराखंड में भाजपा के पावर सेंटर में कोश्यारी के चिन्ह साफ-साफ देखे जा सकते हैं। इस बात को भाजपा के दिग्गज नेता भी स्वीकारते हैं। ऐसे राजभवन से विदाई लेने के बाद कोश्यारी का पता कौन सा भवन होगा ये देखने वाली बात होगी।