आदिधाम श्री बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद
तीर्थ चेतना न्यूज
श्री बदरीनाथ। हिंदुओं की आस्था के प्रतीक आदिधाम श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शीतकाल के लिए थम गई है।
रविवार रात नौ बजकर सात मिनट पर आदिधाम श्री बदरीनाथ के कपाट बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने की प्रक्रिया का गवाह बनने के लिए हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री मौजूद रहे। दिन भर मंदिर में श्रृद्धालुओं का तांता लगा रहा है। कपाट बंद होने के मौके पर मंदिर को विशेष तौर पर सजाया गया था।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया पांच दिन पूर्व शुरू हो गई थी। अंतिम दिन तड़के चार भगवान बदरीविशाल का अभिषेक किया गया। दिन भर मंदिर को श्रृद्धालुओं के लिए खुला रखा गया। शाम करीब पौने सात बजे पूजा शुरू की गई। रावल अमरनाथ नंबूदरी ने स्त्री वेष धारण कर लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश कराया।
श्री बदरीश पंचायतन के सभी देवी देवताओं की पूजा और आरती के बाद उद्धव और कुबेर जी की प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाया गया। इस तरह से नौ बजकर सात मिनट पर मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।