किसके सपनों के भेंट चढ़ गया श्री बदरीनाथ का पंचभैया मोहल्ला
मास्टर प्लान की सीमा से बाहर कैसे टूट रहे मकान
तीर्थ चेतना न्यूज
श्री बदरीनाथ धाम। श्री बदरीनाथ धाम का पंचभैया मोहल्ला न जाने किस सपने की भेंट चढ़ रहा है। प्रस्तावित मास्टर प्लान (मंदिर से 75 मीटर की दूरी) से बाहर होने के बावजूद यहां कई मकान जमींदोज हो गए हैं।
श्री बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों/ पंडों को उनके पुरखों के उस योगदान की सजा मिल रही है, जो उन्होंने ग्राम देवता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित-प्रसारित कर किया। उस योगदान की सजा मिल रही है जो उन्होंन अपने खून पसीने से सिंचकर तीर्थाटन को आकार दिया।
इस योगदान का सिला उनकी सुने बगैर उन्हें उजाड़ने के रूप में दिया जा रहा है। अब तो स्थिति ये हो गई है कि सपनों का धाम बना रही निर्माण एजेंसी भी अपने हिसाब से घरों का निशाना बना रही है।
श्री बदरीनाथ धाम का पंचभैया मोहल्ला इसका प्रमाण है। कुबेर गली स्थित ये मोहल्ला मास्टर प्लान की सीमा से बाहर है। बावजूद यहां दर्जन भर घर जमींदोज की कगार पर पहुंच गए हैं। वजह अलकनंदा के तट पर बनाए जा रहे आस्था पथ के लिए हो रहे कार्य की जद में पूरी कुबेर गली आ गई। यहां कई मकान टूट चुके हैं। कई मकानों के आंगन तक दरारे पहुंच गई हैं।
उक्त मकान कभी भी जमींदोज हो सकते हैं। इन मकानों के तीर्थ पुरोहित दर-दर भटकने को मजबूर हैं। प्रशासन इनकी सुध लेने का तैयार नहीं हैं। छोटे अधिकारी प्रभावितों के नामों की सूची बनाने तक सीमित हैं। तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि यात्रियों पर पुष्प वर्षा करने वाले इस तरह ध्यान देने तक को तैयार नहीं हैं।
पंचभैया मोहल्ले के आलावा झंडा मोहल्ले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। आने वाले समय में कई और मामलों के भी सामने आना तय है। फिलहाल कभी श्री बदरीनाथ के मास्टर प्लान को विकास बताने वाले कुछ तीर्थ पुरोहित घर टूटने से हतप्रभ हैं। समझ नहीं पा रहे हैं कि इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराएं।
श्री बद्रीश पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया की माने तो पंचभैया मोहल्ले के अधिकांश घरों का बचना मुश्किल है।