श्री बदरीनाथ धाम के पुरोहितों का सरकार पर गंभीर आरोप
संपत्ति अधिग्रहण में हो रही मनमानी, झंडा मोहल्ला में हुइ बैठक
तीर्थ चेतना न्यूज
श्री बदरीनाथ। श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए संपत्ति के अधिग्रहण के मामले में सरकार मनमानी कर रही है। इसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। पुरखों की संजोकर रखी कूड़ी पुंगड़ी के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे।
बुधवार को झंडा मोहल्ला में हुई तीर्थ पुरोहितों की बैठक में श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के तहत संपत्ति के अधिग्रहण के मामले पर चर्चा की गई। संपत्ति अधिग्रहण के सरकार के तौर तरीके और प्रशासन के रवैए की कड़ी निंदा की गई।
सवाल उठाया गया कि मंदिर के आस-पास करीब 100 मीटर के दायरे में स्थित प्रापर्टी का मूल्यांकन मंदिर से दूरी के बजाए हाइवे से दूरी के आधार पर किया जा रहा है। ये सरासर अन्याय है। यही नहीं संपत्ति का मुआवजा दो वर्ष पहले तय किया गया है। जबकि इन दो वर्षों में महंगाई 30-35 प्रतिशत बढ़ चुकी है।
प्रशासन मुआवजे की बात को बढ़ चढ़ाकर प्रचारित-प्रसारित कर रहा है। मगर, ये नहीं बता रहा है कि आखिर मुआवजा लेकर तीर्थ पुरोहिता जाएंगे कहां। वक्ताओं ने एक स्वर और दो टूक अंदाज में कहा कि किसी भी स्तर पर नाइंसाफी का विरोध किया जाएगा। आरोप लगाया किया भाजपा तीर्थ पुरोहितों के योगदान पर बुल्डोजर चलाने का प्रयास कर रही है। ऐसा संभव नहीं होगा।
तीर्थ पुरोहितों को आदिधाम श्री बदरीनाथ से बेदखल करने की कोई सोचे भी नहीं। निर्णय लिया गया कि जल्द तीर्थ पुरोहित देश के धर्मानुरागियों के सम्मुख पूरे प्रकरण को रखेगी।
बैठक की अध्यक्ष महेंंद्र नारायण कोटियाल ने की। इस मौके पर गुणानंद कोटियाल, गोपी कृष्ण कोटियाल, राजेंद्र नारायण, सुरेश चंद्र कोटियाल, संजय कोटियाल, शैलेंद्र, सिद्वेंद्र संपत्त कोटियाल, मुकेश कोटियाल, अमित कोटियाल, प्रमोद कोटियाल, गोपाल नारायण कोटियाल, अतुल कोटियाल, मनोज कोटियाल, अनूप कोटियाल, राकेश कोटियाल आदि मौजूद थे।