सरकार! श्री बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों के साथ इतनी बेरूखी ठीक नहीं
तीर्थ चेतना न्यूज
श्री बदरीनाथ धाम। आदिधाम श्री बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहितों/ हक हकूकधारियों के प्रति राज्य की भाजपा सरकार की बेरूखी जारी है। 18 दिनों से चल रहे क्रमिक अनशन की स्थानीय प्रशासन भी सुध लेने को तैयार नहीं है।
उत्तराखंड में चुनाव में जीते/ हारे छोटे-बड़े नेता छोटे/बड़े मुददों पर क्षेत्र से लेकर देहरादून और दिल्ली तक फोंदया बनते हैं। मगर, श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के नाम पर तीर्थ पुरोहितों हक हकूकधारियों की हो रही उपेक्षा पर कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
आदिधाम श्री बदरीनाथ के मामले में ऐसा क्यों है ये बड़ा सवाल है। सरकार तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों के प्रति बेरूखी पहले दिन से ही दिख रही थी। अब सरकार की बेरूखी और तीखी होने लगी है। सिस्टम को अपने हक की बात करने वाले तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी नहीं भा रहे हैं।
18 दिनों से श्री बदरीनाथ धाम में तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों का क्रमित अनशन चल रहा है। काली पटटी बांधकर विरोध भी हुआ। मौन जुलूस और तमाम गांधीवादी तरीके अपनाए जा रहे हैं। मगर, स्थानीय प्रशासन/ जिला प्रशासन इसकी सुध लेने को तैयार नहीं है।
श्री बद्रीश पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया का कहना है कि प्रशासन सिर्फ ये चाहता है कि तीर्थ पुरोहित अपने पुरखों की संजोकर रखी गई कूड़ी पुंगड़ी को उजाड़ने की अनुमति दे दे। ऐसे कैसे संभव हो सकता है।
उन्होंने सवाल उठाया कि तीर्थ पुरोहितों के बगैर क्या धाम का अस्तित्व संभव है। उनका कहा है कि तीर्थ पुरोहित गांधीवादी तरीके से अपनी बात रख रहे हैं। उनका आंदोलन पूरी तरह से धर्मानुरूप है।
अभी तक प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली। सरकार से भी कई बार अनुरोध कर चुके हैं। फिलहाल सरकार की बेरूखी ही दिख रही है।