गवर्नमेंट पीजी कॉलेज अगस्त्यमुनि में जल संरक्षण पर कार्यशाला
तीर्थ चेतना न्यूज
अगस्त्यमुनि। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, अगस्त्यमुनि में जल संरक्षण हेतु आम जनमानस की सहभागिता एवं चुनौतियां विषय पर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसके संरक्षण के लिए आम जन को आगे आने का आहवान किया।
भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन. एम. सी. जी.) जल शक्ति मंत्रालय व राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप ( एस. पी. एम. जी. ) के तहत आज दिनांक 24 मार्च 2023 को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में नमामि गंगे परियोजना और अर्थ गंगा प्रोजेक्ट के अंतर्गत स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम में वर्तमान परिदृश्य में जल संरक्षण हेतु आम जनमानस की सहभागिता एवं चुनौतियां विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक श्रीमती शैलारानी रावत ने बतौर मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ० सच्चिदानन्द भारती और मुख्य हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर के निदेशक प्रो. प्रभाकर प्रसाद बडोनी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। कॉलेज की प्रिंसिप प्रो पुष्पा नेगी ने इस नमामि गंगे कार्यशाला में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमें प्रत्येक जलराशि का संरक्षण करना होगा तथा इसके लिए हमें शारीरिक एवं मानसिक रूप से सदैव तैयार रहना होगा। मानसिक रूप से सशक्त होने पर ही यह परियोजना सफल हो सकती है।
मुख्य अतिथि श्रीमती शैलारानी रावत जी, माननीय विधायक केदारनाथ विधानसभा ने इस नमामि गंगे परियोजना की महत्ता के विषय में बताते हुए कहा कि यह मात्र राष्ट्रीय परियोजना नहीं, बल्कि हमारे जीवन से भी जुड़ी हुई है। ष्जल है तो कल हैष् के संदेश के साथ उन्होंने देश के सूखाग्रस्त क्षेत्रों की स्थितियों का वर्णन किया और बताया कि हमारी परंपराओं में जल, जंगल और जमीन का संरक्षण भी व्याप्त था। साथ ही उन्होंने महाविद्यालय के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम सभी लोग सामाजिक सरोकारों से जुड़कर गंगा नदी को अविरल बनाएं और इसका संरक्षण करें। पृथ्वी के पंच तत्वों का संरक्षण करके ही हम एक बेहतर जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसी के साथ छात्र-छात्राओं को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने सभी छात्रों से एक लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान भी किया।
इसके पश्चात पाणी राखो आंदोलन के प्रणेता एवं प्रसिद्ध पर्यावरणविद् मुख्य वक्ता डॉ० सच्चिदानन्द भारती जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिमालय एक विशाल जलाशय तथा हमारे देश का मुकुट है, जो हमारे लिए गर्व का विषय है। मार्च-अप्रैल महीने में गाँवों में होने वाली पानी की समस्या पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने अपने क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का वर्णन किया।
उन्होंने दूधातोली (गैरसैंण) के उफरैंखाल क्षेत्र में निर्मित चाल-खाल को वैज्ञानिक तथ्यों से जोड़कर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन स्लाइड के माध्यम से छात्रों को दिखाया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का बड़ा भाग वर्षा जल से आच्छादित है। स्थानीय जन सहयोग से उन्होंने 40 हजार जल तलैयाओं निर्माण करवाया, जिसका उदाहरण देते हुए उन्होंने यह भी कहा की वर्षा जल संरक्षण में हम सभी लोगों को साथ मिलकर कार्य करना है, जिससे हम निश्चित तौर पर एक हद तक जल संकट को दूर कर सकते हैं।
तत्पश्चात ष्स्पर्श गंगा प्रहरीष् उपाधि से सम्मानित मुख्य वक्ता प्रो० प्रभाकर प्रसाद बडोनी जी, निदेशक पौड़ी परिसर, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने कहा कि गंगा हमारा भरण-पोषण करती है, इसलिए उसे माँ का दर्जा दिया जाता है और हमें इसकी धार्मिकता एवं महत्व को समझते हुए गंगा संरक्षण हेतु सदैव प्रयासरत रहना चाहिये।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षित वही है, जिसके व्यवहार में उसकी शिक्षा झलकती है और माता-पिता तथा बुजुर्गों के अनुसरण से ही हम शिक्षित बन सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें भावी पीढ़ियों को मकान, संपत्ति के बजाय जीवन देना पड़ेगा। इसलिए हमें पर्यावरण संरक्षण करना ही चाहिए। इसी के साथ उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन स्लाइड पर स्पर्श गंगा, नमामि गंगे एवं अन्य सामाजिक कार्यों में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं के छात्रों के सहयोग से किए गए कार्यों को भी दर्शाया।
इसके पश्चात नोडल अधिकारी नमामि गंगे डॉ० के०पी० चमोली ने नमामि गंगे परियोजना में शामिल किए गए छः बिंदुओं- फसलोत्पादन, गोवर्धन योजना, सतत विकास, अर्थ गंगा, साहसिक पर्यटन एवं गंगा नदी से धनार्जन पर विस्तार से चर्चा की।
तत्पश्चात छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव भट्ट ने महाविद्यालय की समस्याओं से अवगत कराते हुए विकास संदर्भित मांग प्रस्ताव को माननीय विधायक महोदया के समक्ष प्रस्तुत किया।कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी नमामि गंगे डॉ० के०पी० चमोली ने किया। अंत में सभी छात्र-छात्राओं को जलपान वितरित किया गया।
इस अवसर पर नमामि गंगे समिति के सदस्य, समस्त प्राध्यापक वर्ग, कर्मचारी वर्ग, छात्रसंघ पदाधिकारी, पत्रकार वर्ग एवं छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे।