विधानसभा चुनावः 2017 में किस वर्ग ने पैदा किया सीटों का इतना बड़ा अंतर
ऋषिकेश। 2017 के विधानसभा चुनाव में आखिर किस वर्ग की वजह से भाजपा और कांग्रेस में सीटों का अंतर जमीन-आसमान जैसा हुआ ? क्या इस बार भी ऐसा कुछ है ?
उत्तराखंड राज्य अब पूरी तरह से 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है। कांग्रेस और भाजपा के दिल और दिमाग में 2017 के चुनाव परिणाम है। कांग्रेस इस स्कोर को मिटाना चाहती है और भाजपा बनाए रखने के लिए जोर लगा रही है।
इन सबके बीच सवाल ये है कि आखिर 2017 के विधानसभा चुनाव में किस वर्ग ने सीटों का इतना बड़ा अंतर पैदा किया। क्या भाजपा ने सत्ता में आकर इस वर्ग को पहचानने के लिए कोई कन्फर्म टेस्ट किया। इसका जवाब है नहीं।
दरअसल, जीतने के बाद भाजपा ने इसे मोदी लहर बताया। कांग्रेस का भी कुछ-कुछ यही सोचना था। मगर, ये पूरा सत्य नहीं था। ये बात सच है कि उत्तराखंड के लोगों की राजनीतिक जागरूकता नेशनल पॉलिटिक्स पर रिएक्ट करती है। जाहिर है 2014 में केंद्र से यूपीए-2 की विदाई का भी कुछ असर रहा।
2017 के चुनाव में तब की कुछ राजनीतिक उठापटक की वजह से गए मैसेज ने बड़ा अंतर पैदा किया। इस बार के चुनाव में बड़ा अंतर पैदा करने वाले ऐसे कारक दूर-दूर तक नहीं हैं। यही वजह है कि इस बार दावे कुछ भी किए जा रहे हों सच ये है कि इस बार मुकाबला हर तरफ से हर किसी के लिए आसान नहीं है।
लोग राज्य सरकार के कामकाज का मूल्यांकन कर रहे हैं। लोग टेस्ट मैच ( पांच साल का कार्यकाल) का हिसाब मांग रहे हैं। 20-20 बनाने की कोशिश राज्य के लोगों को दूर-दूर तक नहीं भा रही है।