विधायक बनते ही मिल जाती है विकास पुरूष की उपाधि

देहरादून। उत्तराखंड में नेताओं को विधायकी का चुनाव जीतते ही विकास पुरूष की उपाधि मिल जाती है। कार्यकर्ताओं और खास समर्थकों द्वारा दी जाने वाले इस उपाधि के बाद नेता जी विकास कार्यों से मुक्त हो जाते हैं और जनता पूरे पांच साल अफसोस करती है।
उत्तराखंड राज्य में शायद ही ऐसा कोई विधायक होगा जिसे उनके समर्थक विकास पुरूष न कहते हों। बगैर कुछ किए धरे मिलने वाले इस उपाधि से नेता जी खुश होते हैं। सभा/बैठकों में संचालक इस बात का ध्यान रखते हैं कि विधायक के नाम से पहले विकास पुरूष जरूर कहा जाए। ताकि लोगों को अपने आस-पास विकास का एहसास होता रहे।
ये अभासी विकास अब उत्तराखंड की पहचान बन चुका है। हैरानगी देखिए विधायक बने कुछ ही महीनों में कुछ माननीयों को आदर्श विधायक की उपाधि भी मिल जाती है। इस उपाधि का माननीय अपने आगे-पीछे खूब उपयोग करते हैं।
हां, कुछ जागरूक लोगों को विकास पुरूष की ये उपाधि अब चिढ़ाने लगी है। इस पर सवाल भी खड़े होने लगे हैं। सड़कों के ठेकों में दखल, निर्माण कार्यों में अतिरूचि विकास पुरूष की छवि को और निखार रहे हैं।
ये बात सच है कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद कुछ विधायकों ने अपने क्षेत्र में अच्छे काम किए हैं। इन पर विकास पुरूष की उपाधि सजती भी है। धरातल पर इनका काम भी दिखता है। जनहित के मुददों पर मुखर भी रहते हैं।