अंकिता हत्या कांडः युवा न्याय संघर्ष समिति ने फूंका एसआईटी का पुतला

अंकिता हत्या कांडः युवा न्याय संघर्ष समिति ने फूंका एसआईटी का पुतला
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केस को कमजोर करने का आरोप, आर-पार की लड़ाई का ऐलान

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। अंकिता भंडारी की हत्या की वजह बनें वीआईपी का नाम उजागर न होने से नाराज युवा न्याय संघर्ष समिति ने एसआईटी का पुतला फूंका। आरोप लगाया कि एसआईटी ने पूरे केस को कमजोर करने का काम किया।

युवा न्याय संघर्ष समिति का धरना सोमवार को 33वें दिन भी जारी रहा। अंकिता हत्याकांड में छुपे वीआईपी के नामों को उजागर करने व विधानसभा भर्ती घोटाले के मुख्य दोषी प्रेम चंद अग्रवाल जी सहित अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग जारी रखते हुए धरना जारी रखते हुए समिति द्वारा एसआईटी द्वारा अंकिता हत्याकांड केस में गुमराह कर केस को कमजोर करने के विरोध में एसआईटी का पुतला फूंका।

समिति के अध्यक्ष संजय सिल्सवाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें आंदोलन को करो या मरो की स्थिति में ले जाना पड़ेगा यह सरकार गांधी वादी तरीक़े से नहीं मानने वाली इसलिये समिति ने सर्वसम्मति से तय किया है कि हम 16 नवम्बर से आमरण अनशन करेंगे और साथ में आंदोलन को गति देने के लिये व सरकार को झुकाने के लिये कुछ और आंदोलन के तरीक़े भी करेंगे ताकि सरकार की नींद खुल सके और अंकिता व युवाओं को न्याय मिल सके ।

संजय ने बताया कि आमरण अनशन में बैठने के लिये समिति के कई सदस्यों ने अपना नाम दिया है परन्तु समिति के निर्णय अनुसार पहले दो लोग आमरण अनशन पर और उनके साथ दो लोग क्रमिक अनशन पर बैठेंगे अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो उनकी जगह अन्य सदस्य अनशन के लिये उनके स्थान पर बैठ जाये ।

आंदोलनकारी शकुंतला रावत ने कहा कि आज युवा नया संघर्ष समिति द्वारा एसआईटी का पुतला फूंका गया जिस प्रकार पूरे मामले में एसआईटी द्वारा जांच घुमाई गई एविडेंस छुपाए गए दोषियों को बचाया जा रहा है इससे प्रतीत होता है कि एसआईटी ने पूरी जांच घुमा दी है जब हमारे प्रतिनिधि मंडल एसआईटी चीफ से मिलने गए तो उनके द्वारा बातों को घुमाया गया और जब हमारे समिति के सदस्य द्वारा एसआईटी चीफ पी रेणुका से पूछा गया कि उस वीआईपी का नाम अभी तक क्यों नहीं उजागर किया गया तो उनके द्वारा बातों को घुमाकर हमारे सवालों को टाला गया जिससे अब हमें इस एसआईटी की जाँच पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है ।

संयोजक मण्डल के सदस्य जितेन्द्र पाल पाठी ने कहा कि एसआईटी के कोर्ट में दिये गये जवाब से ये तय हो गया कि एसआईटी ने अंकिता हत्याकांड के केस को कमजोर करने का काम किया है और छुपे वीआईपी को बचाने का काम कर रही है इसलिये अब हम लोगों ने तय कर लिया है कि धरने को आमरण अनशन की ओर ले ज़ाया जाय ताकि इस सरकार की नींद खुल सके ।

धरने पर उर्मिला, शीला ध्यानी, लक्ष्मी बुडाकोटी, राजेंद्र सिंह, उषा रावत, अमरा बिष्ट, जया डोभाल, प्रमिला रावत, रामेश्वरी चौहान, लक्ष्मी बुडाकोटी, विनोद रतूड़ी, राजेंद्र गैरोला, मदन सिंह राणा, सुरेंद्र सिंह नेगी, विक्रम भंडारी, अशुतोष डंगवाल, सरोजनी थपलियाल, कमल किशोर, जयेंद्र रमोला, हरि सिंह नेगी, युद्धवीर सिंह चौहान, राहुल जखमोला, रविन्द्र प्रकाश भारद्वाज, प्रवीण जाटव, शकुन्तला रावत, सावित्री देवी, हर्ष व्यास, रेनू नेगी, गौरव राणा, जितेंद्र पाल पाठी, सन्नी प्रजापति, संदीप कुमार, सूरज कुकरेती, आदि मौजूद रहे।

Tirth Chetna

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