देहरादून। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लग गया है।
भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड में न जाने क्यों एक प्रयोग किया। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के चुनाव लड़ने पर कार्यकारी अध्यक्ष की तैनाती कर दी। ये जिम्मा प्रदेश उपाध्यक्ष के बजाए महामंत्री को सौंपा गया
इसके साथ ही अजय भट्ट को लेकर अटकलें शुरू हो गई। कहा जाने लगा कि भट्ट हारें या जीते अध्यक्ष पद से उनकी विदाई हो गई। प्रदेश कार्यालय से उनकी नेम प्लेट भी हटा दी गई। हो हल्ला हुआ तो नेम प्लेट फिर से लग गई।
कार्यकर्ताओं तक इशारों में संदेश भी पहुंचने लगे। मगर, 12 अप्रैल को ही प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने इसको लेकर रूख साफ कर दिया। वो दून पहुंचे और बतौर अध्यक्ष काम करना शुरू कर दिया। साथ ही एक झटके से चुनाव के समय की गई व्यवस्था समाप्त हो गई।
इसके साथ ही लग रही अटकलों को विराम लग गया। साथ ही नई व्यवस्था में अपने को एडजस्ट करने वालों ने अब कदम पीछे करने शुरू कर दिए हैं।