परमार्थ निकेतन में 90 देशों के योग साधकों ने खेली होली

परमार्थ निकेतन में 90 देशों के योग साधकों ने खेली होली
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तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। राज्य भर में रंगों के पर्व होली धूमधाम से मनाई गई। रमार्थ निकेतन में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव शिरकत करने पहुंचे 90 देशों के योग साधकों ने भी गंगा के तट पर खूब होली खेली।

परमार्थ निकेतन में 35 वें अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के औपचारिक शुभारंभ से पहले 90 दिशों के योग साधकों ने जमकर होली खेली। होली के बारे में जाना। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि रंगों का त्यौहार है होली, जीवन का उपहार है होली।

उन्होंने कहा कि लाल, पीला, हरा, नीला सभी रंगों की अपनी खूबसूरती हैं। अगर एक ही रंग से होली खेली जाये तो रंगों का महत्व समाप्त हो जायेगा; खूबसूरती कम हो जायेगी, विविधता नहीं रहेगी तो उत्साह भी कम होगा, उसी प्रकार इस दुनिया की खूबसूरती इसी में है कि विविधता बनी रहे, विविधता नहीं होगी तो हम एकता के महत्व को नहीं समझ सकते।

इसलिये आईये इन विविधता के रंगों को एकता में पिरोने के साथ ही भारत में व्याप्त इस विविध रंगों और विविध फूलों के गुलदस्ते को सदैव जीवंत और जागृत बनाये रखने में अपना सहयोग प्रदान करें।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध योग एवं ध्यान प्रशिक्षक और व्यसन मुक्त योगाभ्यास के विशेषज्ञ टॉमी रोसेन ने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुये कहा कि हम आज सभी रंगों का जश्न मना रहे हैं, भीतर से बाहर तक रोशनी, हर जगह कनेक्शन, सभी लोगों के बीच, देश, लिंग, जाति, पंथ, विश्वास चाहे जो भी हो, हम सब एक हैं! हम सभी जीवन को आनंद और उत्साह के साथ मनाने के लिए एक साथ आयें हैं इस आनन्द को अपने साथ लेकर जायें।

स्वामी जी ने वैश्विक परिवार को होली के पावन अवसर पर जल संरक्षण और विश्व एक परिवार है का संदेश दिया। इसके अलावा राज्य भर से होली का पर्व धूमधाम से मनाए जाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दी।

 

Tirth Chetna

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