राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020ः एससीईआरटी में शिक्षकों का क्षमता अभिवर्धन कार्यक्रम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020ः एससीईआरटी में शिक्षकों का क्षमता अभिवर्धन कार्यक्रम
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देहरादून। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में 21वीं सदी के कौशलों पर सूबे के शिक्षकों का क्षमता अभिवर्धन कार्यक्रम शुरू हो गया। कार्यक्रम 10 मार्च तक चलेगा।

एससीईआरटी के बैनर तले शिक्षकों का क्षमता अभिवर्धन कार्यक्रम सोमवार को शुरू हो गया। 10 मार्च तक चलने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी ने कहा कि वर्तमान सूचना संप्रेषण तकनीकी के दौर में शिक्षण और मूल्यांकन के तरीकों में भी बदलाव आ गया है।

कहा 21वीं सदी के कौशलों के बारे में जानना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान और विचारों की समृद्ध परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए इन कौशलों का ज्ञान होना जरूरी है। उप निदेशक, एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड, हिमानी बिष्ट, ने कहा कि वर्तमान तकनीकी के दौर में हम टेक्स्ट आधारित सामग्री से वेब आधारित सामग्री की ओर आ गए हैं।

इसीलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सीखने के कौशलों के अंतर्गत तर्कपूर्ण चिंतन, रचनात्मकता, सहयोग आदि की बात की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का परिचय देते हुए उन्होंने कहा कि गाँव तथा शहरी के 2.5 लाख हित धारकों से विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से इस नीति के सम्बन्ध में सुझाव मांगे गए थे।

उन्होंने कहा कि पहले निःशुल्क और अनिवार्य शिक्ष अधिनियम 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए रखा गया था जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में 3 से 18 वर्षों तक विस्तार किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पक्षों जैसे पूर्व प्राथमिक स्तर, पाठ्यचर्या तथा पैडागोजी, आकलन, शिक्षक-शिक्षा, समता और समावेशी शिक्षा के बारे में विचार व्यक्त किए।

कार्यशाला के संयोजक डॉ॰ राकेश गैरोला, प्रवक्ता, एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड ने बताया कि इस चार दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेने वाले शिक्षक जनपद स्तर पर डायट और राज्य स्तर पर संदर्भदाता के रूप में कार्य करेंगे। डायट स्तर पर इस पर आधारित सामग्री का भी विकास किया जाएगा।

इस कार्यशाला में डॉ॰ राशि भटनागर, मनोवैज्ञानिक द्वारा अधिगम कौशल, बच्चों में नेतृत्व की भावना का विकास पर प्रोफेसर कमांडर योगराज सिंह नेगी, सूचना, मीडिया तथा तकनीकी अखिलेश डोभाल तथा जीवन कौशल एवं अधिगम पर अनुज्ञा पैन्यूली तथा सहयोग एवं संप्रेषण पर कंचन देवराड़ी, संयुक्त निदेशक, एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड तथा विभिन्न चलाए जाएंगे। इसके अलावा कौशल एवं रोजगार पर प्रवीना गोस्वामी तथा 21वीं सदी के संदर्भ में जेंडर पर रूम टु रीड विशेषज्ञ निशा जोशी द्वारा चर्चा परिचर्चा की जाएगी।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ॰ रमेश पंत, प्रवक्ता, एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड द्वारा वर्तमान सूचना क्रांति के समय में शिक्षक-प्रशिक्षण की ऑनलाइन प्रक्रियाओं से भी परिचित होना होगा। इस अवसर पर अखिलेश डोभाल, डॉ॰ उमेश चमोला और नितिन कुमार ने भी विचार व्यक्त किए।

Tirth Chetna

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