उत्तराखंड में पांच दिन बाद नई सरकार
ऋषिकेश। उत्तराखंड में आज से ठीक पांच दिन के बाद नई सरकार आकार लेते दिखने लगेगी। इसको लेकर नेताओं में धुकधुकी और जनता में खासी उत्सुकता दिख रही है। कयासों का दौर अभी जारी है और सूचनाओं का 180 डिग्री का विश्लेषण अभी भी चल रहा है।
राज्य की पांचवीं विधानसभा के लिए 14 फरवरी को हुए मतदान के बाद अब मतगणना और रिजल्ट को लेकर इंतजार जल्द समाप्त होगा। 10 मार्च को मतगणना की तैयारियों को मतगणना केंद्रों पर फाइनल टच दिया जा रहा है। नई सरकार के वार्मवेलकम की भी तैयारियां चल रही हैं। हमने तो पहले ही कह दिया था कि जीतेगी तो…. बोलने वाली नौकरशाही ऐज लाइन पर दिख रही है।
आज से ठीक पांच दिनों के बाद उत्तराखंड में नई सरकार आकार लेते दिखने लगेगी। बड़े-बड़े दावों की हकीकत सामने आ जाएगी। नेता दावे कुछ भी कर लें। सच ये है कि चुनाव मैदान में उतरे नेताओं में धुकधुकी है और जनता में परिणाम जानने की उत्सुकता।
हर कोई जानना चाह रहा है कि किस दल की सरकार बनेगी। निर्दलीय और छोटे दलों की क्या स्थिति रहने वाली है। उत्तराखंड राज्य का प्रचंड/स्पष्ट बहुमत का अनुभव अच्छा नहीं रहा। ऐसा लोग खुलकर कह रहे हैं। 2002, 07 और 12 में बनीं सरकारों का काम हर स्तर पर बेहतर आंका जा रहा है।
इस बात को राजनीतिक दल चुनाव का दौरान ही भांप चुके थे। यही वजह है कि 10 मार्च से पहले ही सरकार बनाने के लिए कमी पेशी का इंतजाम किया जाने लगा है। जीत सकने की स्थिति वाले निर्दलीयों को पुचकारा जा रहा है। छोटे दलों की संभावनाओं को ताड़ा जा रहा है। प्रबंधन के लिए कई स्तर पर काम हो रहा है। निर्दलीय और छोटे दलों पर सरकार बनाने को उतावले नेताओं से ज्यादा जनता का अटेंशन है। इसलिए यही कहा जा सकता है सावधान! विश्वास कायम रखें। चूक न हो।