पर्यावरण संरक्षण को जरूरी है चीं, चीं करने वाली चिड़िया

देहरादून। पर्यावरण संरक्षण को चीं, चीं करने वाली चिड़िया जरूरी है। मगर, पक्षी वर्ग पर तमाम वजहों से संकट आना पड़ा है। मानवीय हस्तक्षेप इसकी बड़ी वजहों में शामिल है। ऐसे में जरूरी है पक्षी संरक्षण के लिए लोग आगे आएं।
ये कहना डा. कमल जोशी का। जोशी शुक्रवार को जीआईसी, डोभालवाला में यूसर्क देहरादून द्वारा प्रदत्त शोध परियोजना के अंतर्गत “ पक्षी संरक्षण एवम जागरूकता’’ पर आयोजित गोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न वजहों से पक्षी संकट में हैं। उन्हें संरक्षण और संवर्द्धन की जरूरत है। इसके लिए लोगों को आगे आना होगा।
उक्त परियोजना के प्रधान शोधकर्ता डॉ कमल जोशी, पर्यावरण, विभाग, ग्राफिक पर्वतीय विश्वविद्यालय, देहरादून तथा सह-प्रधान शोधकर्ता डॉ दीपक भट्ट, विभागाध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग, डीबीएस पीजी कॉलेज,देहरादून द्वारा पक्षियों के सरंक्षण एवं जागरूकता तथा स्वरोजगार पर छात्र/छात्राओ को ब्याख्यान पीपीटी तथा वीडियो के माध्यम से दिया गया।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य एसएस. बिष्ट, अर्जुन सिंह नेगी तथा अन्य शिक्षक एवम शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही। छात्र/छात्रओं द्वारा विभिन्न प्रश्न पूछे गए तथा पक्षी सरंक्षण में अभिरुचि ली गई तथा इसके अंतर्गत विद्यालय को कृत्रिम नेस्ट बॉक्स वितरित किये गए।
वर्तमान में डॉ जोशी तथा डॉ दीपक भट्ट द्वारा पक्षियों पर हुए शोध में कुछ अनुभवों तथा निष्कर्ष को शिक्षकों तथा विद्यार्थियों के साथ साझा किया।