पार्टी का प्रचार करें। क्षेत्र में सक्रिय रहें। मगर, स्वयं को नेता के तौर पर प्रस्तुत न करें। कम से कम टिकट कन्फर्म की बात प्रचारित न करें।
जी हां, जनता के बीच सक्रिय पार्टी नेताओं के लिए कांग्रेस संगठन ने ये फरमान जारी किया है। संगठन को इस बात पर आपत्ति है कि प्रदेश की कुछ विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के कतिपय नेता स्वयं को 2017 के विधानसभा चुनाव हेतु प्रत्याशी के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं।
दरअसल, उक्त क्षेत्रों में पार्टी के सक्रिय नेताओं की स्वीकार्यता कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं को रास नहीं आ रही है। यही वजह है कि अब इस पर भी खूर पेंच शुरू हो गए हैं। ऐसा क्यों हो रहा है इसको लेकर पार्टी का आम कार्यकर्ता हैरान है।
आखिर टिकट की चाहत में पार्टी और स्वयं के लिए सक्रिय रहने से भला संगठन को क्या आपत्ति हो सकती है। वो भी तब जब पार्टी का प्रदेश संगठन अपने नेताओं के टिकट की चिंता में पीडीएफ से आए दिन दो-दो हाथ कर सरकार को खतरे में डाल रहा हो।
इसमें कोई दो राय नहीं कि टिकट किसी एक को मिलेगा। मगर, पार्टी के लिए सक्रिय और टिकट की चाहत रखना पार्टी के नेताओं को क्यों अखर रहा है। ये बात सच है कि सक्रिय नेता क्षेत्र में मेहनत के साथ ही टिकट के लिए जुगाड़ भी लगा रहे हैं।
भरोसा मिलने की बात समर्थकों को बता रहे हैं। टिकट कन्फर्म जैसी बातें भी सभी दलों के सक्रिय नेता करते रहते हैं। आरोप लग रहे हैं कि कुछ दिग्गज नेता अपने समीकरणों को गड़बड़ाते देख आस-पास की सीटों पर अपने लिए संभावनाएं टटोल रहे हैं।